टेट शिक्षकों को प्रधानाध्यापक पद से वंचित करने की सरकार की साजिश: आलोक कुमार


पूर्णिया से बालमुकुंद यादव की रिपोर्ट

पूर्णियां/ प्रधान शिक्षक नियुक्ति अधिसूचना जारी होते ही शिक्षक संघो ने नियुक्ति नियमावली पर कड़ी आपत्ति जताई है। टीइटी प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष आलोक कुमार ने प्रधान शिक्षक नियुक्ति नियमावली पर आपत्ति जताते हुए कहा प्रधान शिक्षक नियुक्ति अधिसूचना में टीइटी उत्तीर्ण बहाल नियोजित शिक्षकों की घोर अनदेखी की गई है। जिससे प्रतीत होता है कि सरकार टेट शिक्षकों को प्रधान शिक्षक बनने नही देना चाहती है। प्रतीत होता है कि सरकार बदले की भावना से काम कर रही है। जबकि देशभर में आरटीई के प्रावधान के अनुसार शिक्षक बनने की अहर्ता टीइटी, सीटीईटी तथा एसटीइटी को अनिवार्य किया गया है। पूर्व में संघ के द्वारा प्रधानाध्यापक पद पर सेवा शर्त में उल्लेखित प्रोन्नति को लेकर हाईकोर्ट में CWJC-18449/19 याचिका दायर किया गया था। इसमें संघ की जीत हुई थी। न्यायालय के द्वारा 3 महीने के अंदर स्नातक ग्रेड प्रशिक्षित टीईटी शिक्षकों को प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति देने का आदेश दिया गया था, जिसका अनुपालन न होने के कारण संघ ने न्यायालय में अवमानना दायर किया है जिस पर सुनवाई होनी है 


वहीं संघ के जिला उपाध्यक्ष नंदना श्रीवास्तव व योगानंद यादव ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि नियोजन नियमावली 2012 में स्पष्ट अंकित है कि स्नातक ग्रेड पद पर नियुक्त शिक्षकों को 5 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर उन्हें प्रधानाध्यापक पर पर प्रोन्नति दी जायेगी। वहीं बेसिक ग्रेड शिक्षकों की 8 वर्ष सेवा पूर्ण होने पर उन्हें स्नातक ग्रेड शिक्षक के पद पर प्रमोट किया जाएगा। उक्त अवधि पूर्ण करने पर शिक्षक प्रमोशन की मांग कर रहे हैं तो सरकार ने नियमावली को ही संशोधित कर दिया। ताकि पत्रताधारी टेट शिक्षकों को प्रधानाध्यापक पद से वंचित किया जा सके


संघ के जिला कोषाध्यक्ष दीपक झा, सचिव चंदन ठाकुर, अवनीश कुमार प्रदेश प्रतिनिधि प्रमोद कुमार, कार्यालय सचिव आजाद हुसैन ने संयुक्त रूप से प्रधान शिक्षक नियुक्ति नियमावली में संशोधन करने की मांग करते हुए कहा 8 वर्ष का अनुभव की बाध्यता को शिथिल किया जाय ताकि टीइटी उत्तीर्ण बहाल योग्य शिक्षक प्रधानाध्यापक नियुक्ति में सम्मिलित हो सके।

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