पूर्णियां से बालमुकुंद यादव की रिपोर्ट
पूर्णिया: पुलिस परिवार परामर्श केंद्र द्वारा मुहर्रम को ध्यान में रखते हुए कुल 30 परिवारों को नोटिस देकर केंद्र में बुलाया गया था, किंतु अचानक 20 अगस्त को मोहर्रम की छुट्टी घोषित हो गई जिस वजह से मात्र 12 व्यक्ति नोटिस पर उपस्थित हुए। छुट्टी के बाद भी केंद्र के सदस्य दिलीप कुमार दीपक, स्वाति वैश्ययंत्री, कृष्ण कुमार सिंह केंद्र में उपस्थित हुए और चार मामलों को निष्पादित किया। दो मामले में समझा-बुझाकर दो बिछड़े पति पत्नी को मिला दिया गया और दो में एकपक्षीय आदेश पारित किया गया
एक मामला अमौर थाना के बीबी मुस्तकीम का आया था , जिसमें वह अपने पति महरउद्दीन पर आरोप लगाई थी कि उसके पति पहले से शादीशुदा होते हुए धोखा देकर एवं झूठ बोलकर उसके साथ शादी किया था। उसने उसकी पहली पत्नी भागकर लखनऊ चली गई थी और उसकी शादी के 6 वर्षों के बाद वह लौट आई। बाद वह लौट कर आई और आते ही मेरे पति को पूर्ण रूप से अपने कब्जे में ले ली और मेरे साथ मारपीट करती है तथा मुझसे घर छोड़ देने के लिए कहती है
केंद्र की कड़ी फटकार के बाद पहली पत्नी बताई की अपनी मर्जी से जैसे पहले पति को छोड़ कर गई थी, उसी तरह इस बार फिर से जा रही है दूसरी पत्नी उसके साथ रहे मौज मस्ती करें। मुझे कोई उसके लिए दिक्कत नहीं है। इस आशय का समझौता पत्र बना जिस पर सभी पक्षों ने अपना अपना हस्ताक्षर और अंगूठे का निशान लगाया इस प्रकार बादनी को इंसाफ मिल गया
एक मामला सदर थाना एक पति पत्नी का आया जिसने पति द्वारा यह आरोप लगाया गया कि उसकी पत्नी उसके खाने में नशा की गोली मिलाकर दे देती है जिस कारण से वह बेहोश हो जाता है। और उसके बाद पत्नी घर से फरार हो जाती है। यही बात कहने पर कहासुनी हो जाती है और बात काफी आगे बढ़ जाती है। पत्नी बताई कि नींद की गोली कैसी होती है, नशा क्या होता है यह सब कुछ वह नहीं जानती है। समझाने बुझाने पर दोनों आपस में मिल गए और बांड पत्र पर अपना अपना हस्ताक्षर बना दिया। दो अन्य मामले में एकतरफा आदेश पारित किया गया। साथ ही यह निर्देश दिया गया यदि आप एकतरफा आदेश से संतुष्ट नहीं हैं तो न्यायालय अथवा थाने की शरण ले सकती है।