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क्या पूर्णियाँ में सरकारी बाबू की मेहरबानी से अवैध खाद दुकान चलती है?

 


रुपौली से विकास कुमार झा कि रिपोर्ट

सरकार और विभाग खाद दुकानदारों पर पूरे बिहार में ताबड़तोड़ कार्यवाई कर रही है। वहीं इस कार्यवाई से जहाँ एक और दुकानदारों ने यूरिया खाद का उठाव कम कर दिया है, वही इसका फायदा उठाते हुए खाद माफिया बिना लाइसेंस के दुकान खोलकर अमानक खाद की बिक्री करना शुरू कर दिया है।


पूर्णियाँ जिले के रुपौली प्रखंड क्षेत्र में ऐसे सैकड़ो अवैध दुकान है जो गुलाबबाग और नौगछिया से माल लाकर प्रखंड क्षेत्र में बेच रहे है। ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी कृषि विभाग या प्रशासन को नहीं है, सब पता है फिर भी बेधड़क किराना दुकान, दवा दुकान सभी जगह यूरिया खाद बिक रहे है, वजह है भ्रष्टाचार। सूत्र बताते है कि कोई शशि बाबू नाम का ब्यक्ति इन दुकानदारों और विभाग के बीच बिचौलिया का काम कर रहा है।


कुछ दिन पूर्व जिला पदाधिकारी राहुल कुमार के निर्देश पर रुपौली प्रखंड के खाद दुकानदारों का भौतिक सत्यापन हेतु पहुँचे सिनियर डिप्टी कलेक्टर अनुपम को कई गैर लाइसेंसी उर्वरक दुकान मिले। प्रखंड में चल रहे कुछ गैर लाइसेंसी उर्वरक विक्रेताओं के नाम भी उन्होंने बताए थे, जिसमें जिसमें छर्रापट्टी बाजार में रेशमी खाद बीज भंडार, सहित पांच दुकान तो भिखना पंचायत के बाकी गांव के आलोक भगत और एक और दुकानदार बाकी गांव के ही होने कि बात कही गई थी। आपको यह बताते चलें कि जब सिटी हलचल न्यूज़ के संवाददाता  आलोक भगत से फोन पर बात किया था, तो वह चौंकाने वाले खुलासा किया। जिसमें वह बताया था, हम कभी नहीं पकड़ा सकते हैं क्योंकि हम अपने दुकान पर यूरिया नहीं रखते है हम यूरिया उठाते है और इसे सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचा देते हैं। वही जब आलोक भगत से पुछा गया कि आपको यूरिया कौन उपलब्ध करवाता है तो वह कुछ लायसेंसी उर्वरक विक्रेताओं का नाम बताया जिसमें रुपौली के केदार गुप्ता तो बिरोली बाजार के प्रमोद, एवं गुलाब बाग के भी कुछ विक्रेताओं के बारे में बताया था।


 वही जब रुपौली प्रखंड कृषि पदाधिकारी शशिभूषण झा से फोन पर बात की जाती है तो वह सिर्फ दिखावा लेने की बात करते हैं। और फिर मौनी बाबा का रूप धारण कर लेते हैं। जिससे यह लगने लगा है कि रुपौली प्रखंड कृषि पदाधिकारी शशिभूषण झा का भी गतिविधि संदिग्ध है। आपको यह भी बताते चलें कि रुपौली प्रखंड क्षेत्र के पश्चिमी क्षेत्र में तो कई लाइसेंसी उर्वरक विक्रेता भी यूरिया की कालाबाजारी करते है। यूरिया रहने के बाद भी किसान को नहीं देतब है। जिसको लेकर कई बार किसान के द्वारा प्रखंड कृषि पदाधिकारी शशिभूषण झा को सूचना दी गई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इसके अलावे निगरानी समिति की बैठक में प्रखंड प्रमुख रेखा देवी को भी अवैध खाद दुकानों के बारे में लिखित शिकायत की गई थी, मगर जनप्रतिनिधि ने भी कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।

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