इंडियन कॉउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च पटना , टीम कर रही है क्षेत्र के लोगों की विशेष जाँच

मोतिहारी जिले के ढाका प्रखण्ड में स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च टीम द्वारा लोगों की टीबी की विशेष जांच की जा रही है। 26 सदस्यों की विशेष टीबी जाँच टीम पटना से आई है । यह टीम 8 दिनों के लिए ढाका में आई हुई है। शुक्रवार को टीम द्वारा ढाका हाई स्कूल में सैकड़ों लोगों की टीबी की जांच की गई। टीबी जांच टीम के साथ विशेष प्रकार की वैन है जिसमें कई प्रकार के उपकरण हैं। 

- वैन पर लगे विशेष उपकरणों से हो रही  है जाँच :

टीम के साथ आई इस वैन में लगे उपकरण द्वारा गहनता के साथ टीबी  के पुराने एवं नए मरीजों की भी जांच की जा रही  है । जिससे कई ऐसे लोग जो सामान्य रूप से देखने में टीबी  के मरीज नहीं है परंतु जब उनकी जांच वैन में लगे उपकरणों से की जा रही है तो उन लोगों में से कुछ लोग टीबी  के पॉजिटिव मरीज निकल रहे हैं। आज लगभग 250 लोगों का जांच किया गया। ढाका अनुमंडलीय अस्पताल उपाधीक्षक डॉ कर्नल एन के शाह ने बताया कि पटना से आई इस विशेष टीम के द्वारा जांच से बहुत ही बेहतर जांच के रिजल्ट मिल रहे हैं। जिससे क्षेत्र के लोगों में खुशी है कि उन्हें इस विशेष जांच के लिए जिला अस्पताल हो या जिले से बाहर नहीं जाना पड़ रहा है


- जागरूकता के साथ हो रही है जाँच:

टीबी जांच दल के बारे में पूर्व में ही क्षेत्र के लोगों को सूचित किया गया था, जिसके कारण अधिक से अधिक संख्या में लोग केंद्रों पर आ रहे हैं और टीबी की जांच करा रहे हैं ।  इस जांच में शरीर के किसी भी हिस्से में अगर टीबी  है तो उसकी सरलता पूर्वक जांच की जा रही है और यह सब निःशुल्क  है सरकार के द्वारा विशेष अभियान चलाकर टीबी को मुक्त कराने के लिए नारा दिया गया है टीबी  हारेगा और देश जीतेगा ।अस्पताल उपाधीक्षक कर्नल डॉ एन के साह ने बताया कि टीबी के लक्षण को पहचान करने के लिए सबसे पहले मरीज की  कार्यकलाप व शारीरिक जाँच की जाती है। मरीज के पूर्व की बीमारियों का अवलोकन किया जाता है उनके स्वास्थ्य का परीक्षण करने के साथ-साथ उनकी वजन, रक्त स्तर, हीमोग्लोबिन, वजन, शारीरिक ऊंचाई, ब्लड शुगर, छाती का एक्सरे, कफ, स्प्यूटम माइक्रोस्कोपी,सिबिनेट परीक्षण  के साथ कई प्रकार की  जाँच की  जा रही  है। ताकि शरीर के अंदर छिपे हुए टीबी की पहचान हो सके। लोगों में जाँच के लिए अनुमंडलीय अस्पताल के डॉक्टर के द्वारा टीबी बीमारी के बारे में विस्तार पूर्वक ,उनके लक्षणों ,इलाज व टीबी से बचने के लिए किए जाने वाले सावधानी के प्रति जागरूक किया जा रहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग टेस्ट करवाके लाभान्वित हो सके 


टीबी के लक्षणों  की पहचान जरूरी :

कर्नल डॉ एनके साह ने बताया कि दो हफ्ते से ज्यादा की खांसी टीबी हो सकती है । किसी को शाम में बुखार आ रहा हो, बलगम में खून आ रहा हो या बिना वजह वजन कम हो रहा हो तो यह टीबी के लक्षण हो सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि सरकारी अस्पतालों पर आकर जांच और उपचार जरूर  कराएं। अब प्राइवेट क्लिनिक  को भी टीबी की जांच और उपचार करने के लिए 1000 रुपए मिलते हैं। इसमें 500 रुपए टीबी मरीजों की खोज और 500 उपचार करने के लिए प्रति मरीज मिलते हैं। वहीं दवाओं की उपलब्धता भी नि:शुल्क कराई गई है। साधारण टीबी और एमडीआर टीबी दोनों में से किसी भी तरह के मरीज हों अपनी  दवाओं का नियमित सेवन करें। साधारण टीबी मरीजों की दवा छह महीने तथा एमडीआर की छह से 20 महीने तक चलती है।

- निक्षय पोषण योजना के तहत मिलते हैं 500 रुपए

सरकारी तथा प्राइवेट में टीबी का इलाज करा रहे मरीजों को 500 रुपए उनके पोषण के लिए सीधे उनके खाते में डाले जा रहे हैं। यह राशि जब तक दवा चलती है तब तक दी  जाती है। मौके पर पटना से आई 26 सदस्यों  टीम के साथ, अनुमंडलीय अस्पताल उपाधीक्षक डॉ ( कर्नल ) एन के साह, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक- संजय कुमार,  प्रखंड प्रबंधक केयर इंडिया राजन कुमार व अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे l

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