पूर्णिया: पुलिस अधीक्षक दयाशंकर द्वारा संचालित पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में आज 23 मामलों की सुनवाई की गई, जिसमें 7 बिछड़े हुए परिवारों को समझा-बुझाकर उनका घर को फिर से बसा दिया गया। वही 5 जिद्दी पति पत्नी को लाख समझाया जब वह समझने के लिए तैयार नहीं हुआ तो उन्हें सुझाव दिया गया अपने मामले को संबंधित थाना अथवा न्यायालय से सुलझा ले। मामले को सुलझाने में सदस्य दिलीप कुमार दीपक, स्वाति वेशयंत्री, रविंद्र शाह, प्रमोद जायसवाल एवं नारायण गुप्ता ने अहम भूमिका निभाई
एक मामला डगरूआ थाना के मीरा देवी का आया बादिनी ने बताया कि उसके पति की मृत्यु के पश्चात उसके भैसुर, देवर एवं सास उसके पति के हिस्से की जमीन को बादिनी को देना नहीं चाहते हैं, जबकि उसके ससुर जीवित अवस्था में ही चारों भाइयों के बीच जमीन जायदाद का बंटवारा कर चुके थे। केंद्र के समक्ष सभी प्रतिवादी गण बताएं की मीरा देवी को 1 बीघा जमीन दिया जा चुका है, शेष बचा हिस्सा सास के जिम्मे है केंद्र द्वारा समझाने बुझाने पर सभी प्रतिवादी गण कहा की हम लोग बचे हिस्से को भी देने के लिए तैयार हैं। इससे बाद ब्रांड पत्र बनाया गया तथा इस जटिल मामले का समाधान कर दिया गया। एक अन्य मामले में बायसी थाना के सोरा जावर के मोहम्मद अन्नी की शिकायत अपनी पत्नी विल्सन से थी कि जब वह मजदूरी करने के लिए बाहर गया हुआ था। उसी समय उसके ससुराल वाले आकर उसकी पत्नी एवं घर का सारा सामान लेकर चला गया। साथ ही 8 माह की दूध पीती बच्ची को छोड़ गया। जब वह मिलने के लिए गया तो उसे पत्नी से नहीं मिलने दिया गया तथा ससुराल वालों ने उसे जंजीर में बांधकर रखा। समझाने बुझाने के बाद दोनों ने अपने सारे गिले-शिकवे को भू लाकर एक दूसरे के साथ मिलकर रहने के लिए तैयार हो गए
वही मरंगा थाना के ठरहा बस्ती की रेखा देवी एवं उसके पति राजेश शर्मा को भी समझा-बुझाकर उनका घर बसा दिया गया, क्योंकि 3 छोटे-छोटे के जिंदगी का सवाल था। जो दहेज की मांग के कारण टूट के कगार पर खड़ा हो गया थाम दहेज को लेकर कस्बा थाना की दिलशाना खातून एवं मोहम्मद मुसब्बर के बीच भी दहेज को लेकर के ही विवाद था जिसे सुलझा दिया गया। बरसोनी के मोहम्मदपुर की प्रमिला देवी एवं छोटेलाल ऋषि का मामला जो लड़का के मौसेरी सास की अनावश्यक हस्तक्षेप के कारण उत्पन्न हुई थी , उस कलह को भी मिटा दिया गया। वहीं सदर थाना के मोहनकुंडा नरगिस खातून एवं एजाज आलम के बीच का मामला भी दहेज के लेकर था उसका भी समाधान कर दिया गया। इस प्रकार 7 जोड़ी पति पत्नी को अपनी मंजिल मिल गई किंतु 5 परिवार मंजिल पाने से वंचित रह गए।