रुपौली प्रखंड क्षेत्र के बसंतपुर पंचायत अंतर्गत चपहरी ग्राम में स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र की भवन बिहार में हो रही विकास एवं स्वास्थ्य के प्रति दावे को मुंह चिढ़ा रही है वहां के स्थानीय आदमियों ने बताया कि 2014 में भवन निर्माण तो कर दिया गया
लेकिन डॉक्टर आज तक नहीं आए हैं जिससे कि हम लोगों को प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा के लिए भी रुपौली रेफरल अस्पताल ही जाना पड़ता है। जिससे हम लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। वही एक बुजुर्ग बतलाते हैं 1959 में जब यह स्वास्थ्य उपकेंद्र बना तो हम लोगों में आज जगे थे अब हम लोगों को स्वास्थ्य लाभ के लिए कहीं और नहीं जाना होगा लेकिन 2000 के बाद वह सपना अब सपना रह गया ना ही कभी डॉक्टर आती है कभी-कभी नर्स लोग गांव में ही आकर टीकाकरण करके निकल जाती है।
आपको बताते चलें राज्य सरकार लगातार दावा कर रही है ,कि राज्य में स्वास्थ्य सुविधा काफी ज्यादा सही हो चुका है। लेकिन उस दावे की पोल रुपौली प्रखंड क्षेत्र के बसंतपुर पंचायत अंतर्गत चपहरी गांव में स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र खोल रही है ,उप स्वास्थ्य केंद्र यह बताती है कि हम लापरवाही के शिकार हैं जब भवन बना हो रंग रोगन क्या हो तो उसमें ताला क्यों इसके जिम्मेदार कौन है ।