भाजपा नेता डॉ.मनीष पंकज मिश्रा सहित कई कार्यकर्ताओंनेसहभागिता की। प्रधानमंत्री जी ने इस बार के कार्यक्रम में देश की समृद्ध. सांस्कृतिक ऐतिहासिक एवं वैज्ञानिक उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।प्रधानमंत्री जी ने भगवान जगन्नाथ की ऐतिहासिक रथ यात्रा का उल्लेख करते हुए इसकी आस्था और परंपरा की गहराई को साझा किया। उन्होंने बताया कि यह उत्सव भारत की सांस्कृतिक विरासत का अद्वितीय उदाहरण है। साथ ही, इस वर्ष आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के संदर्भ में प्रधानमंत्री जी ने लोकतंत्र पर लगे उस काले धब्बे की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि उस समय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम तथा मुरारजी देसाई सहित कई नेताओं ने इसका विरोध किया था। अनेक पत्रकारों को जेल में डाला गया और प्रेस की स्वतंत्रता पर रोक लगा दी गई थी।मेघालय में रेशम उत्पादन से जुड़े कीड़े को GI टैग मिलने की खुशी साझा करते हुए उन्होंने कहा कि यह राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा। इसके अलावा, देश के अंतरिक्ष मिशन में वैज्ञानिक सौरभ शुक्ला के योगदान का विशेष रूप से उल्लेख किया गया।प्रधानमंत्री जी ने युवाओं को खेलों से जुड़ने का आग्रह करते हुए फुटबॉल जैसे खेल को बढ़ावा देने की बात कही और "एक पेड़ मां के नाम" अभियान के अंतर्गत सभी से एक पौधा लगाने की अपील की।डॉ. मनीष पंकज मिश्रा ने प्रधानमंत्री जी के इस प्रेरणादायक संबोधन के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि मन की बात राष्ट्र को दिशा देने वाला कार्यक्रम है।