फर्जी नर्सिंग होम में गरीब की मौत के बाद कीमत लगी 3.51 लाख

पूर्णिया/सिटिहलचल न्यूज

पूर्णिया की तरह रूपौली में भी कुकरमुत्तों की तरह फर्जी नर्सिंग होम खुल गए हैं, जहाँ बेधड़क इलाज के साथ साथ चीरफाड़ भी होता हैं। ऐसे ही एक नर्सिंग होम में गुरुवार को इलाज के दौरान एक 35 वर्षीय महिला की मौत हो गई। मरीज के मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। हंगामा को बढ़ता देख, डॉक्टर और कंपाउंडर पीछे की गेट से फरार हो गए। मामला रुपौली के मेही नगर स्थित मिम्स हॉस्पिटल की हैं। जिसके संचालक डॉ.धर्मवीर कुमार है।बताया जाता है कि रूपौली बस्ती का रहने वाला बबलू पासवान अपनी पत्नी किरण देवी को प्रसव पीड़ा होने पर रुपौली रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया था। जहाँ स्थिति गंभीर देखते हुए उसे पूर्णिया रेफर कर दिया गया था। मगर मिम्स हॉस्पिटल के दलालों ने महिला को अपने अस्पताल ले आया। जहाँ उसका सीजर ऑपरेशन किया गया। मगर ऑपरेशन के दौरान ही महिला की मौत हो गई। वहीं मरीज के मौत के बाद परिजन हंगामा करने लगे। हंगामा बढ़ता देख डॉक्टर सहित हॉस्पिटल के स्टॉफ फरार हो गए


मरीज के मौत के बाद डॉक्टर के दलाल हुए सक्रिय

मरीज के मौत के बाद हॉस्पिटल संचालक धर्मवीर कुमार अपने तथाकथित समाजसेवियों को भेजकर  मरीज के परिजन को मनाने का भरपूर प्रयास करने लगे। मगर परिजन दोषियों पर कार्यवाई की मांग पर अड़े रहे। वही मृतक के परिजनों के बीच लगभग 6 घंटे तक हाइवोल्टेज ड्रामा चलता रहा ।लेकिन अंततः जीत नसिंग होम के संचालक की ही हुई ।स्थानीय नेता व दबंगो ने परिजनों को यह कह कर समझौते के लिए राजी कर लिया कि तुमलोग गरीब आदमी हो डॉक्टर का क्या बिगाड़ लोगे ।ऊपर से नीचे तक सब रुपये पर मैनेज हो जायेगा ।आखिर लड़ने से तुमको क्या मिलेगा ।थक हार कर मृतक के परिजन स्थानीय लोगो के झांसे में आकर समझौता पत्र पर हस्ताक्षर 3 लाख 51 हजार लेकर कर दिया। वही पुलिस ने बिना रिपोर्ट किये बगैर परिजनों ने शव का दाह संस्कार कर दिया


एक गरीब महादलित महिला की जान की कीमत पंचों ने लगाया 3 लाख 51 हजार

गरीब तो गरीब होता है ।उसे कौन देखने वाला है ।पैसा है तो सब जायज है ।स्थानीय पंचों ने मिम्स अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हुई 35 वर्षीय महादलित महिला की जान की कीमत 3 लाख 51 हजार लगा कर नसिंग होम के संचालक को क्लीन चिट दे दिया ।पंचायती में तय हुआ कि मृतिका किरण देवी को पांच बच्चे है ।एक नवजात भवानीपुर बेबी केयर वार्ड में गत बुधवार की देर रात जन्म के बाद से जिंदगी और मौत से जूझ रहा है ।आखिर मां के मौत के बाद इन बच्चों के परवरिश के लिए आर्थिक मदद की जरूरत है।जिसमे एक चेक खाता संख्या  5240765866 और चेक संख्या0 36466 दो लाख और दूसरा वही खाता संख्या के चेक  036467 से एक लाख 26 हजार और 25 हजार नगद दाह संस्कार के लिए नसिंग होम संचालक ने दिया ।जिसे उपस्थित स्थानीय पंचों ने मृतिका किरण देवी की बड़ी बेटी (19वर्षीय) जुली कुमारी से समझौता पत्र पर  हस्ताक्षर करवा लिया ।साथ ही गवाह के तौर पर मृतका के भाई बबलू पासवान से भी हस्ताक्षर करवा लिया ।पंचों के इस तुगलकी फरमान से लोगो मे काफी नाराजगी देखी जा रही है।लोगो का कहना है कि यदि आपके पास पैसा है तो सब कुछ संभव है


सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग आया हरकत में

रूपौली मिम्स हॉस्पिटल में एक प्रसव पीड़िता की मौत की खबर पूरे क्षेत्र में जंगल की आग की तरह फैल गई ।उसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग हरकत में आई ।मामले के बावत रूपौली रेफ़रल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ नीरज कुमार ने डॉ के के शर्मा के नेतृत्व में बी एच एम रंजीत कुमार चौधरी ,बी सी एम कुंदन कुमार और एच एम सलीमा खातून की टीम बना कर को पूरे मामले की जांच के लिए आरोपी नसिंग होम भेजा ।जहाँ जांच टीम के पहुचते ही नसिंग होम के सभी कर्मी फरार हो गए ।मामले को मैनेज करने के लिए डोभा इस्लामपुर के एक आशा कर्मी के पति को छोड़ दिया गया ।उक्त आशा कर्मी के पति का नसिंग होम के संचालन में अहम भूमिका बताया जाता है ।जैसे ही जांच टीम पहुँची उक्त आशा कर्मी का पति ने कहा कि संचालक नही है ।आपलोग जाइये बाद में मैं उन्हें लेकर आपके पास आता हूँ ।उसके बाद जांच के नाम पर जांच टीम ने खानापूर्ति शुरू किया ।लेकिन नसिंग होम इलाज करा रहे बेड पर पड़े मरीज पूजा कुमारी ग्राम धूसर ,सागर कुमार बौंहती ,अजीना खातून ,ग्राम बालू टोला ,कंचन देवी ,ग्वालपाड़ा ,ने जांच टीम को बताया कि रात में रूपौली के एक मरीज की मौत ऑपरेशन के दौरान हुई है ।उसके बाद से डॉक्टर सहित सभी कर्मी फरार है ।साथ ही आगे कहा कि रेफ़रल अस्पताल में इलाज के दौरान उनलपगो को जी एम सी एच रेफर किया गया था ।लेकिन स्थानीय आशाकर्मी के द्वारा कहा गया कि पूर्णिया में इलाज में अधिक खर्चा आयेगा ।इसलिए रूपौली मिम्स अस्पताल चलो यहाँ पटना के डॉक्टर इलाज करते है ।आखिर पूर्णिया से बेहतर इलाज तो पटना के डॉक्टर ही करेंगे ।मरीज और उनके परिजनों को भी लगा कि आखिर पूर्णिया से बेहतर तो पटना के ही डॉक्टर होंगे ।इसी झांसे में वे लोग इस अस्पताल में आये है।लेकिन जब इलाज शुरू हुआ तो उनलोगों को मरने का भय दिखा कर लूटा जा रहा है ।यह सुन जांच टीम भौंचक रह गए ।उसके बाद मौके पर ही जांच टीम के बी एच एम रंजीत कुमार ने बताया कि जांच से क्या होगा।एक साल पहले भी रेन्वल के समय हमलोग जांच किये थे।जिसमें स्पष्ट मंतब्य दिया गया था कि नसिंग होम का कोई भी कैरेक्टेरिया फूल फील नही कर रहा है ।लेकिन ऊपर से सब मैनेज होकर शायद फिर से लायसेंस रिन्यू हो गया ।जब इस बावत रेफ़रल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ नीरज कुमार से पूछा गया तो बोले कि जांच टीम अभी तक जांच रिपोर्ट समर्पित नही किया है ।जांच रिपोर्ट मिलते ही वरीय अधिकारी को जांच रिपोर्ट भेज कर पूरे मामले की जानकारी दी जाएगी ।वही आरोपी नसिंग होम संचालक धर्मवीर कुमार उर्फ डॉ धर्मवीर से बात उनके मोबाइल नम्बर 8002729631 पर बात कर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उनका मोबाइल बंद आया ।

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