बंगाल से आलू प्याज लाने पर लगी रोक, ममता सरकार के तुगलकी फरमान से व्यवसाई और ग्राहक परेशान

किशनगंज /राजेश दुबे 

ममता सरकार के तुगलकी फरमान की वजह से बिहार बंगाल सीमा से सटे किशनगंज में आलू प्याज व्यापारियों को भारी परेशानी हो रही है ।मालूम हो कि सरकार ने बंगाल से आलू और प्याज बिहार ले जाने पर रोक लगा दिया है ।बिहार बंगाल सीमा के रामपुर चेकपोस्ट पर पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है ,ताकि बंगाल से बिहार आलू नहीं ले जाया जा सके। जिसकी वजह से किशनगंज में व्यापारियों में हड़कंप मच गया है ।आलू की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है। बंगाल सरकार के आदेश पर आलू लदे गाड़ियों को बॉर्डर पार नहीं करने दिया जा रहा।गौरतलब हो कि किशनगंज सीमा से सटे बंगाल के रामपुर में आलू प्याज की मंडी है जहां से किशनगंज जिले में आलू प्याज की आपूर्ति होती है 


90 के दशक में बिहार बंगाल सीमा पर आलू व्यापारियों ने दुकान खोला था और तब से व्यवसाई यही से कारोबार कर रहे है ।रामपुर आलू मंडी से ही किशनगंज जिले के लगभग 20 लाख नागरिकों तक आलू प्याज पहुंचता है। लेकिन ताजा आदेश के बाद व्यवसाई परेशान है। आलू मंडी में प्याज और आलू से लोड दर्जनों छोटी और बड़ी गाड़िया खड़ी है जिन्हें जिले के अलग अलग हिस्सों में जाना है जिन्हें बॉर्डर पार करने नहीं दिया जा रहा है ।आलू व्यापारी संतोष कुमार ने बताया कि पुलिस प्रशासन के द्वारा बुधवार सुबह से ही बेरीकेट लगा दिया गया है और गाड़ियों को वापस भेजा जा रहा है । व्यवसाई ने बताया कि यदि यही स्थिति रही तो आलू प्याज के लिए किशनगंज में हाहाकार मचेगा ।उन्होंने बताया कि आलू प्याज जल्द खराब होने वाली सामग्री है और इसे अगर सही समय पर नहीं बेच पाते है तो काफी नुकसान होगा ।इधर दूर दराज से पहुंचे खरीददार भी परेशान है

ग्राहकों ने बताया कि अगर आलू प्याज नहीं जाने दिया जाएगा तो दाम में बेतहाशा बढ़ोतरी होगी , जिसका खामियाजा जिलेवासियों को उठाना पड़ेगा।ग्राहकों ने कहा कि आलू हर सब्जी के साथ इस्तेमाल होता है, इसलिए इसे खरीदना मजबूरी है।स्थानीय वार्ड पार्षद प्रतिनिधि शफी अहमद ने कहा कि यह ममता सरकार का तुगलकी फरमान है और केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार को हस्तक्षेप करते हुए तुरंत आलू प्याज भेजने पर लगी रोक को हटवाना चाहिए ।जबकि पूरे मामले पर बॉर्डर पर मौजूद चाकुलिया थाना पुलिस के अधिकारियों से जब बात करने की कोशिश की गई तो अधिकारियों ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।ऐसे में जरूरत है बिहार सरकार को अविलंब मामले पर संज्ञान लिए जाने का ताकि ग्राहकों और दुकानदारों के परेशानी को कम किया जा सके ।

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