पूर्णिया में बनने वाले केंद्रीय विद्यालय निर्माण पर बिहार सरकार ने लगाया अड़ंगा

पूर्णिया/सिटिहलचल न्यूज

पूर्णिया में बनने वाला केंद्रीय विद्यालय के भवन निर्माण में बिहार की डबल इंजन की सरकार ने अड़ंगा लगा दिया हैं। पूर्णिया के बच्चों के भविष्य के साथ बिहार की सरकार 19 वर्षो से खिलवाड़ कर रही हैं। लेकिन यहाँ के जनप्रतिनिधियों ने आज तक इस बाबत आवाज भी नहीं उठाई हैं।बता दे कि पूर्णिया प्रमंडलीय मुख्यालय में चूनापुर स्थित एयरफोर्स स्टेशन के परिसर में  01 जुलाई 2005 से संचालित केन्द्रीय विद्यालय के अपने बिल्डिंग नि‍र्माण से संबंधित बाधाओं एवं अड़चनों को दूर करने के लिए शहर के कई समाजसेवी इसको लेकर वर्षो से बिहार सरकार से लेकर केंद्र सरकार को पत्राचार कर रहे है। 19 वर्ष पुराना होने के बावजूद भी पूर्णिया केन्द्रीय विद्यालय के अपने बिल्डिंग का निर्माण आज तक नहीं हो पाया है और यह विधालय पूर्णिया एयरफोर्स स्टेशन परिसर में दयनीय स्थितियों में संचालित हो रहा है।बता दे कि पूर्णिया केन्द्रीय विद्यालय भवन और स्टाफ क्वार्टर्स का निर्माण के लिए 12.91 एकड़ डिफेंस लैंड का फिजिकल पजेशन हैंडओवर एवं टेकेन ओवर भारत सरकार के रक्षा सम्पदा अधिकारी, सिलीगुड़ी सर्किल द्वारा 15.09.2014 को ही हुआ था। इसके अलावे पट्टादाता (लेसर) महामहिम राष्ट्रपति और पट्टेदार (लेसी) केन्द्रीय विद्यालय संगठन के बीच 12.91 एकड़ डिफेंस लैंड के लिए लीज एग्रीमेंट जनवरी 2016 को हुआ


सामाजिक कार्यकर्ता विजय श्रीवास्तव बताते हैं कि कमरों की कमियां और पर्याप्त जगह के अभाव में इस विधालय की ना पूरी क्षमता का उपयोग हो पा रहा है और ना ही इस विधालय के विधार्थियों को सम्पूर्ण विकास का मौका मिल पाता है। इस केन्द्रीय विद्यालय के भवन निर्माण में 12.91 एकड़ डिफेंस लैंड के लीज डीड का बिहार सरकार के सब रजिस्ट्रार कार्यालय में रजिस्ट्रेशन कराने की केन्द्रीय विद्यालय संगठन की मांग वर्षों से बाधक बनी हुई है। उन्होंने बताया कि 12.91 एकड़ डिफेंस लैंड का लीज डीड का रजिस्ट्रेशन कराने में 

स्टाम्प शुल्क एवं निबंधन शुल्क इत्यादि के मद में लगभग 45 लाख रुपए की मांग पूर्णिया जिला निबंधन कार्यालय द्वारा की गई है। नियमानुसार केन्द्रीय विद्यालय संगठन द्वारा 12.91 एकड़ डिफेंस लैंड का लीज डीड का रजिस्ट्रेशन कराने में स्टाम्प शुल्क एवं निबंधन शुल्क इत्यादि के मद में संगठन राशि नहीं दे सकती है। वहीं केन्द्रीय विद्यालय संगठन द्वारा 12.91 एकड़ डिफेंस लैंड का लीज डीड का रजिस्ट्रेशन कराने में स्टाम्प शुल्क एवं निबंधन शुल्क की माफी के लिए बिहार सरकार के निबंधन विभाग से पत्राचार कर करके थक चुका है।वहीं बिहार सरकार के निबंधन विभाग का कहना है कि केन्द्रीय विद्यालय संगठन सोसायटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम के अंतर्गत निबंधित संस्था होने के कारण स्टाम्प शुल्क एवं निबंधन शुल्क से छूट प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है। ऐसी परिस्थितियों में पूर्णिया केन्द्रीय विद्यालय अपने बिल्डिंग निर्माण के लिए पेंडुलम बना हुआ है और 19 वर्षों से उपेक्षित एवं दयनीय स्थितियों में है। सामाजिक कार्यकर्ता विजय श्रीवास्तव बताते हैं कि 19 वर्षों की लंबी अवधि में भी विधालय का बिल्डिंग निर्माण नहीं होना सरकारी सिस्टम के उपेक्षित एवं निगेटिव एट्टीट्यूड का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है और यह विषय भारत सरकार एवं बिहार सरकार को कलंकित एवं शर्मसार करता है


सांसद विधायक ने कोई पहल नहीं की

बता दे कि वर्ष 2014 में केंद्रीय विद्यालय के भवन निर्माण के लिए जब जमीन हस्तगत कराई गई थी, उस वक्त पूर्णिया में संतोष कुशवाहा सांसद थे। इसके अलावे केंद्रीय विद्यालय चूनापुर का एरिया धमदाहा विधानसभा में आता है, जहाँ से जदयू की विधायक लेसी सिंह है, जो पूर्व और वर्तमान में बिहार सरकार में मंत्री भी हैं। वहीं दोनों ही जदयू के नेता है और बिहार में उनकी ही पार्टी की सरकार हैं, मगर दोनों जनप्रतिनिधियों के द्वारा केंद्रीय विद्यालय की उपेक्षा की गई। कभी भी बिहार सरकार से केंद्रीय विद्यालय के भवन की वकालत नहीं की। वही जब जमीन रजिस्ट्री के लिए बिहार सरकार पैसे की माँग कर रहीं है, फिर भी सत्ताधारी दल के किसी भी प्रतिनिधि ने कोई पहल नहीं की। सरकार में रहते हुए बिहार सरकार से बात करने की कोई पहल नहीं की


एयरफोर्स वापस कर रहीं जमीन की माँग

चूनापुर एयरफोर्स स्टेशन के अंदर वर्तमान में अभी केंद्रीय विद्यालय चल रहा हैं। जहाँ केंद्र सरकार और राज्य सरकार में कार्यरत अधिकारी के बच्चों के साथ साथ पूर्णिया के स्थानिय बच्चें भी पढ़ते है। वर्तमान में बच्चें एयरफोर्स द्वारा छोड़े गए खंडर भवन में संचालित हो रहा हैं। कम कमरे होने की वजह से बहुत कम स्थानिय बच्चों का नामांकन हो रहा हैं। अगर अपना भवन होता तो 2 से 3 सेक्सन में पूर्णिया के कई बच्चों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने में मदद मिलता। वहीं एयरफोर्स ने अपने कैंपस के बाहर स्कूल के भवन निर्माण के लिए 12.91 एकड़ जमीन भी मुहैय्या करा दी हैं। मगर बिहार सरकार कर हठधर्मिता के कारण 19 वर्षो से भवन नहीं बन पाया हैं। वहीं कई वर्षों से जमीन का कोई उपयोग न होने की वजह से अब एयरफोर्स अपनी जमीन की माँग कर रही हैं। अगर ऐसा होता है कि स्कूल में पढ़ रहे सैकड़ो नौनिहालों का भविष्य अधर में लटक जाएगा।

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