रूपौली।विकास कुमार झा
बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ,पूर्णिया जिला अध्यक्ष सह संयोजक बिहार शिक्षक एकता मंच पूर्णिया, पवन कुमार जायसवाल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि सरकारी विद्यालय में कार्यरत,प्रारंभिक,माध्यमिक,उच्च माध्यमिक,के नियोजित शिक्षक एवं बीपीएससी शिक्षकों का वेतन बन्द कर दिया गया है जो चिंताजनक है,वेतन किसी भी कर्मी के आश्रितों के लिए होता है।यूं तो शिक्षकों की विभिन्न श्रेणी कर सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को दूषित तो कर ही दिया गया है।शिक्षा विभाग गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के नाम पर शिक्षकों को समाज में अपमानित एवं जलील कर रहे हैं । कभी निरीक्षण के नाम पर तो कभी ऑनलाइन अटेंडेंस बनाने के नाम पर । ऐसा लगता है कि राज्य में शिक्षक सबसे बड़ा अपराधी है, उसे पकड़ने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाये जा रहे हैं। इस प्रकार के हालत और परिस्थिति में शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ होने के बजाय दिन प्रति दिन और कमजोर होगी।ऐसे में ग्रामीण परिवेश में बच्चों का आधार कार्ड,खाता संख्या के अभाव में ई शिक्षा कोष पर शत प्रतिशत इंट्री होने में बाधक है।इसके लिए शिक्षक क्या कर सकता है?प्रयास ही किया जा सकता है।
हर तरफ भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है,अभिभावक अपने बच्चों को लेकर आधार केंद्र पर जाते तो हैं,जहां काम नहीं किया जाता,तरह तरह के बहाने बनाकर परेशान किया जाता रहा है।ऐसे में शिक्षकों का वेतन ई शिक्षा कोष में शत प्रतिशत इंट्री होने तक वेतन बन्द करना कहीं से न्याय संगत नहीं है।विभाग से सहानुभूति पूर्वक मांग करते हैं कि सभी शिक्षकों का वेतन अविलंब भुगतान किया जाय।अन्यथा की स्थिति में आंदोलन के लिए बाध्य हो जायेंगे,जिसकी सारी जवाबदेही विभाग की होगी। जिला अध्यक्ष ने ये भी कहा कि प्रत्येक दिन नए नियम बनाने वाले शिक्षा विभाग के अधिकारी जून माह के शिक्षकों के वेतन हेतु राज्य के सभी जिलों को समुचित आवंटन नहीं भेजा है। जिस कारण जिले के सभी शिक्षकों को पूर्ण रूपेण माह का वेतन भी नहीं मिल पाया है। जो घोर चिंता का विषय है। सिर्फ शिक्षकों के लिए नये फरमान जारी कर कार्य के लिए दबाव बनाया जाना लेकिन समय पर वेतन नहीं मिलना शिक्षा विभाग की असलियत को उजागर करता है। श्री जायसवाल ने कहा कि विभागीय पदाधिकारी के लापरवाही कारण जिले स्तर पर शिक्षकों की समस्याओं का निदान नहीं हो पा रहा है। ज्वलंत उदाहरण नियोजित शिक्षकों को 12 वर्ष पर कालबद्ध प्रोन्नति, छठे चरण के नियोजित शिक्षकों को दो वर्ष उपरांत प्रशिक्षित वेतन फिक्सेशन एवं सेवा पुस्तिका का संधारण, विद्यालय अध्यापक(बीपीएससी)का वेतन भुगतान एवं सेवा पुस्तिका संधारण समेत विभिन्न समस्याओं का समाधान अविलम्ब किया जाए। अन्यथा संघ वाध्य होकर चरणबद्ध आन्दोलन करेगी।