कटिहार/शंभु कुमार
विगत दिनों में ही थाना में चालक के पद पर कार्यरत सिपाही डेंगू बीमारी का शिकार हो गए थे। डेंगू होने के बाद सिपाही का हालत बिगड़ने लगी। जिसे बेहतर इलाज के लिए थाना अध्यक्ष आलोक राय के निर्देश पर सदर अस्पताल भेजा गया। जहां प्राथमिक उपचार सिपाही की हालत गंभीर देखते हुए बेहतर इलाज के लिए पूर्णिया हायर सेंटर रेफर कर दिया। इलाज के दौरान पूर्णिया में सिपाही की मौत हो गई। जिसकी जानकारी मिलने के बाद पुलिस के द्वारा शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया था।वहीं इस घटना की जानकारी मृतक सिपाही के परिजनों को दी गई। सूचना मिलते ही परिजन सदर अस्पताल पहुंचे। मृतक सिपाही की पहचान भागलपुर जिला नाथनगर निवासी पप्पू सिंह के रूप में हुई थी। घटना के बाद परिजनों का रो रो कर बुरा हाल था।
घटना के बारे में मृतक सिपाही पप्पू सिंह के भाई संजीव सिंह ने बताया कि वे लोग भागलपुर जिले के नाथनगर के निवासी है। उनके बड़े भाई कोढ़ा थाना में चालक के पद पर कार्यरत थे। दो दिन पहले उन्हें डेंगू हुई थी। इस दौरान उनका इलाज किया जा रहा था। अचानक उनके पेट में ज्यादा दर्द हुआ और उसे सदर अस्पताल इलाज के लिए लाया गया था। लेकिन बेहतर इलाज के लिए पूर्णिया मैक्स रेफर किया गया। जहां इलाज के क्रम में उनकी मौत हो गई। मृतक के भाई ने बताया कि वह शादीशुदा थे और उनके तीन बच्चे हैं। मृतक के पत्नी व बच्चे नाथ नगर में ही रहते थे। घटना के बाद उन सभी का रो रो कर बुराहाल था। खासकर उनकी पत्नी समेत अन्य परिजनों का भी रो-रोकर बुरा हाल था। वही इस मामले से संबंधित अनुसंधान चल रही रही थी की इसी बीच कोढा थाना अध्यक्ष आलोक राय की भी अचानक तबियत बिगड़ गई जिसे आनन फानन में अस्पताल लाया गया जहां से गहन चिकित्सा हेतु मैक्स 7 पूर्णिया भेजा गया जहां अभी तक इलाजरत है वही इंस्पेक्टर के रीडर ब्रजेश पाठक के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है एक सिपाही चालक की मौत और इधर सहित महिला सिपाही को डेंगू हो जाने से इलाके में दहशत का माहौल छाया हुआ है ।सूत्रों के अनुसार अभी थाना अध्यक्ष के स्वास्थ्य में सुधार होता दिख रहा है लेकिन कटिहार स्वास्थ्य प्रबंधन के इस तरह के स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं ।स्वास्थ्य विभाग की ओर से बेहतर स्वास्थ्य सेवा बिहार में मुहैया कराने को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं । दुसरी तरफ इस तरह की निंदनीय घटना कटिहार स्वास्थ्य प्रबंधन की पोल खोलती हुई नजर आ रही है। साथ ही इस तरह की घटना मुंह बायें चुनौती दे रही है ।कटिहार अस्पताल प्रबंधन को चाहिए कि इस दिशा डेंगू जैसी बीमारियों पर अभिलंब रोक लगाने के लिए तत्काल कोई ठोस पहल करें ताकी आमजनों की सुरक्षा में सदैव तत्पर रहने वाली हमारी पुलिस स्वस्थ जीवन व्यतीत कर अपने कर्तव्यों को निभा सके।
बाक्स में ----
कटिहार स्वास्थ्य प्रबंधन सवालों के घेरे में रोकथाम की लिए अब तक कोई ठोस पहल क्यों नहीं ?
इस घटना के बाद कटिहार स्वास्थ्य प्रबंधन को चाहिए था की त्वरित गंभीरता से लेते हुए बचाव फोगिंग मशीन से धुआं युक्त छिड़काव करवाना
साथ ही सरकार द्वारा प्रदान की गई डेंगू से बचाव हेतु अन्य पुलिस कर्मी शिकार न हो पाये तत्काल उनकी जांच व इलाज की व्यवस्था करना जो अब तक क्यों नही की गई?



Post a Comment