जोगबनी/अजय प्रसाद
अररिया: भारत नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र जोगबनी थाना अंतर्गत नगर परिषद क्षेत्र वार्ड 21 स्थित उत्क्रमित सह मध्यविद्यालय अमौना में मध्याह्न भोजन में साँप मिला है। वही विषाक्त भोजन खाने के बाद कई बच्चों की हालत बिगड़ने लगी जिसे इलाज हेतु अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बताया जा रहा है कि शनिवार को बच्चों को मिड डे मील में खिचड़ी दी गयी थी उसी में सांप था, एवं भोजन खाने के बाद अब तक तीन दर्जन बच्चों की तबीयत बिगड़ गयी जिन्हें इलाज के लिए फारबिसगंज अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं बच्चों के खाने में सांप पाए जाने से जहां ग्रामीण में हड़कंप मच गया। वही आक्रोशित ग्रामीणों ने शिक्षकों की मौके से पिटाई भी कर दी बच्चो को आनन-फानन में फारबिसगंज रेफरल हॉस्पिटल भेजा गया। बताते चले कि
इस स्कूल में सेंटर फॉर नेशनल डेवलपमेंट यूनी सेटिंव एनजीओ ने खिचड़ी पहुंचाई थी, जिसके प्रोपराइटर अरुण जेपी हैं। और वे दिल्ली में रहते हैं।
क्या है मामला -
मध्यान्ह भोजन में सभी बच्चे स्कूल में बैठकर खाना खा रहे थे, तभी एक बच्ची की थाली में परोसी खिचड़ी में सांप दिखाई दिया। सभी बच्चे खाना छोड़कर उठ गए। स्कूल में मौजूद शिक्षकों से शिकायत की। इसके बाद एक-एक कर बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी। बच्चों की तबीयत बिगड़ने के बाद शिक्षक और बच्चों के परिजन सभी को लेकर फारबिसगंज के सरकारी अस्पताल पहुंचे। डॉक्टर का कहना है कि सभी बच्चों की हालत खतरे से बाहर है। इधर, जैसे ही गांव में ये खबर फैली की बच्चों के खाने में सांप निकला है, 70 बच्चे बीमार हैं। स्कूल में ग्रामीणों की भीड़ जुट गई, स्कूल के बाहर जमकर हंगामा हुआ। कुछ शिक्षकों के साथ मारपीट भी की गई। भीड़ पर काबू पाने के लिए तीन थानों की पुलिस बुलानी पड़ी।
फारबिसगंज अनुमंडल पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार अलबेला ने बताया कि मामले की सूचना मिलते ही हमारी टीम मौके पर पहुंची। घटना की जांच की जा रही। सारे बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं। सुरक्षित हैं, स्वस्थ हैं। बच्चे मानसिक रूप से डरे हुए हैं। इस मामले की जांच की जाएगी। जल्द टीम बनाई जाएगी और जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई करेंगे।
जिला प्रशासन अररिया द्वारा विज्ञप्ति जारी कर बताया गया कि
जिला शिक्षा पदाधिकारी, अररिया द्वारा जाँचोपरान्त प्रतिवेदित किया गया है केन्द्रीयकृत रसोईघर फारबिसगंज (सी०एन०डी०आई०-1) के माध्यम से मध्य-सह-उच्च विद्यालय अमौना में आपूरित भोजन को बच्चों के बीच वितरण करने के क्रम में एक मृत साँप जैसी आकृति (लगभग 7-8 इंच) का एक जीव पाया गया । तबतक रसोईया सह सहायक ( मसरुन बिसा) के अनुसार 18 बच्चे भोजन ग्रहण कर चुके थे। उक्त परिस्थिति में घबड़ा गए। फलतः अविलंब बच्चों को अनुमंडल अस्पताल फारबिसगंज लाया गया, जहाँ चिकित्सकों से जाँच कराई गई, जाँच के उपरान्त अस्पताल लाये गये सभी 98 बच्चे पूर्णतः स्वस्थय पाये गये । फलतः कुछ समय पर्यवेक्षण में रखने के बाद सभी बच्चों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी । सभी बच्चे सुरक्षित हैं एवं किसी प्रकार की अप्रिय सूचना अप्राप्त है । स्वंय सेवी संस्था सहित अन्य लोगों की भूमिका एवं लापरवाही आदि के संबंध में विस्तृत जाँच कराई जा रही है। जाँच के उपरान्त जो भी दोषी पाये जाते हैं, उनके विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी ।
इस बाबत स्कूली बच्चों ने बताया की खाना बाहर से बनकर आया है जिसमे हमारे प्रधानाध्यापक और शिक्षक की कोई गलती नही थी, लेकिन उनके साथ बदसुलूकी की हम निंदा करते है। हमारे प्रधानाध्यापक हमलोगों का अभिभावक की तरह ख्याल रखते है।वोही एक शिक्षक ने शिक्षा पदाधिकारी में आरोप लगाते हुए कहा की खाना आते ही सबसे से पहले हमलोग खा कर जांच करते है, जिसने कई कमी की शिकायत दर्जनों बार हमने किया है लेकिन सभी शिकायत को ठंडे बस्ते में बंद कर हमलोगो की शिकायत को अनदेखी कर दिया जाता रहा है। जिसका नतीजा आज की घटना है। सभी अधिकारियों को सिर्फ और सिर्फ पीसी का ही लालच रहने का भी आरोप शिक्षक ने लगाया है।।