बाबा विशुराउत मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

चौसा /नौशाद आलम 

मधेपुरा स्‍थ‍ित बाबा विशुराउत मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए शुक्रवार की सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। आसपास के कई जिले से श्रद्धालु पहुंचे थे। साथ ही पचरासी में पांच दिवसीय राजकीय मेला भी शुरू हो गई। पशुपालकों के आस्था के केंद्र है बाबा विशुराउत मंदिर बाबा की पूजा के लिए दूर-दूर से लोग यहां आ रहे है। और बाबा की समाधि पर दुग्धाभिषेक करते है। पशुपालको का मानना है कि वर्ष में एक बार यदि बाबा की समाधि उनके गाय के दूध चढ़ जाने के बाद उनके पशु सालो भर स्वस्थ्य रहते है।और उनके घर मे खुशहाली बनी रहती है। वही मेला को शांतिप्रिय रुप से संपन्न कराने के लिए मेला समिति के अध्यक्ष एवं एसडीओ राजीव रंजन सिंहा एवं डीएसपी सतीश कुमार सहित कई वरीय अधिकारी मेला में लगातार कैंपिंग कर रहे हैं। मेला को लेकर ख़ौपरिया मोड़ के पास एवं उसके आगे गाड़ी का पार्किंग की व्यवस्था की गई है। मेला में कंट्रोल रूम भी बनाए गए हैं।सुरक्षा को लेकर मेले में पुख्ता इंतजाम किये गए है। हर जगह पर पुलिस की टीम लगी हुई है। महिला पुलिस के अलावे बिहार पुलिस के जवान मेले में तैनात किए गए है।स्थानीय कमेटी द्वारा मेला को आकर्षक बनाने की भी तैयारी की गई है, लेकिन राजकीय मेला घोषित होने के बाद भी किसी भी तरह की सहायता नहीं मिलने की कसक लोगों के दिल में बनी हुई है। लोग बताते हैं कि बाबा विशु पशुपालकों के देवता हैं। करीब 425 साल पहले वे यहां आए थे। वे खुद एक पशुपालक थे और पशुओं की स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर उनमें दैवीय शक्ति थी। आज भी इस पुण्य भूमि में वह शक्ति मौजूद है


मंदिर के बाहर लोगों की भीड़।

पशुपालक अपनी और अपने मवेशी की स्वास्थ्य, सुरक्षा और समृद्धि के लिए जो मन्नत बाबा से मांगते हैं वो पूरा होता है। बाबा विशु की महिमा और उनके जीवन को लोग लोकगीत के माध्यम से गा-गा कर उनके दरबार में दूर-दूर से पहुंचते हैं। यहां हर साल सिरुआ के दिन मेला लगता है। इस दिन को बाबा विशु का अवतरण दिवस के रूप में माना जाता है। लाखों श्रद्धालु दूर-दूर से यहां आते हैं। इस अवसर पर बीते कुछ वर्षों से राजकीय मेला लगाने की भी शुरुआत की गई, लेकिन मंदिर समिति के लोग सरकार द्वारा कोई विशेष सहायता नहीं मिलने से निराश ही दिख रहे हैं


 यातायात को सुचारू रखने के लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी ब्रजेश कुमार दीपक ,अंचल अधिकारी राकेश कुमार सिंह, थानाध्यक्ष किशोर कुमार लगातार यातायात को सुचारू करने में जुटे हुए थे। मेला कमेटी के उपेंद्र यादव और कैलाश यादव, विश्वनाथ यादव, विलास मंडल, सदैव यादव, कोकाय यादव ने बताया कि मेला में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद की व्यवस्था की गई। वहीं मेला में बाबा के समाधि पर चढ़ने वाले दूध से महाप्रसाद बनाने की विधि और उसका वितरण करने का भी व्यवस्था हुई है।

Post a Comment

Previous Post Next Post