प्रखंड स्तरीय बाल विवाह रोकथाम हेतु प्रखंड स्तरीय बैठक

फारबिसगंज/सिटी हलचल न्यूज़ 

अररिया : फारबिसगंज प्रखंड स्तरीय बाल विवाह रोकथाम हेतु प्रखंड स्तरीय बैठक प्रखंड विकास पदाधिकारी फारबिसगंज, जागरण कल्याण भारती फारबिसगंज एवं कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित की गई।कार्यक्रम की अध्यक्षता बाल  विवाह  प्रतिषेध  पदाधिकारी सह प्रखंड विकास पदाधिकारी राज किशोर प्रसाद शर्मा ने किया। जबकि कार्यक्रम का संचालन जागरण कल्याण भारती के अध्यक्ष संजय कुमार ने किया। मौके पर प्रभारी चिकित्सक पदाधिकारी डा आशुतोष कुमार, बालविकास परियोजना पदाधिकारी बंसती कुमारी ,प्रखंड कल्याण पदाधिकारी दीपक कुमार, प्रखंड अलपसंख्यक कल्याण पदाधिकारी दीपा कुमारी,  प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी प्रभारी नवीन कुमार, प्रखंड के सभी पंचायत के बाल संरक्षण समिति के अध्यक्ष सह मुखिया,       जागरण कल्याण भारती के सोनु कुमार ने अपने अपने विचार दिया।बाल विवाह से संबंधित मामला संज्ञान में आने पर मुखिया इसकी त्वरित सूचना प्रखंड विकास पदाधिकारी (सहायक बाल विवाह निषेध पदाधिकारी) और अनुमंडल पदाधिकारी (बाल विवाह निषेध पदाधिकारी) को देंगे और बाल विवाह को रुकवाने का काम करेंगे


दहेज लेन-देन से संबंधित मामला संज्ञान में आने पर जिला कल्याण पदाधिकारी (दहेज प्रतिषेध पदाधिकारी) को सूचित करते हुए कार्रवाई से अवगत कराएंगे.बिहार विवाह पंजीकरण नियमावली, 2006 में मुखिया को विवाह पंजीकरण का दायित्व दिया गया है. विवाह पंजीकरण के लिए विवाहों का वैध होना अनिवार्य है. पंचायत क्षेत्र अंतर्गत हर वैध विवाह का पंजीकरण करना मुखिया एवं पंचायत सचिव के लिए अनिवार्य होगा. विवाहों को पंजीकृत करने से बाल विवाह के मामलों में अंकुश लगाया जा सकता है.प्रत्येक ग्राम सभा एवं वार्ड सभा की बैठक के एजेंडे में बाल विवाह प्रतिषेध एवं दहेज उन्मूलन का बिन्दु अवश्य सम्मिलित किया जाएगा और बैठकों में बाल विवाह एवं दहेज से होने वाली हानियों और दुष्प्रभावों की चर्चा की जाएगी ताकि आमजन इन विषय पर संवेदनशील बने रह सकें. पंचायत समिति एवं जिला परिषद की सामान्य बैठकों में भी इन विषयों पर चर्चा की जाएगी एवं अभियान को सफल बनाने हेतु रणनीति बनाई जाएगी


ग्राम पंचायत/पंचायत समिति/जिला परिषद की सामाजिक न्याय समिति भी बाल विवाह प्रतिषेध और दहेज उन्मूलन के बिन्दु पर अपनी बैठकों में चर्चा करेगी और अभियान को सफल बनाने हेतु ग्राम पंचायत को अपनी अनुशंसाएं देगी.बाल विवाह होने की संभावना की सूचना प्राप्त होते ही वॉर्ड सदस्य/मुखिया संबंधित परिवार के घर पहुंचकर अभिभावकों को समझाएंगे और ऐसा न करने की सलाह देंगे. नहीं मानने पर स्थानीय थाना एवं बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी (प्रखंड विकास पदाधिकारी/अनुमंडल पदाधिकारी) को तुरंत सूचना देंगे और विवाह रुकवाने में उनका सहयोग करेंगे.ऐसे अवसर या कार्याधिकार क्षेत्र को कोई स्थान विशेष जहां बाल विवाह अधिष्ठापन की कोई परंपरा अथवा सूचना हो, तो मुखिया जिला पदाधिकारी/बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी के सहयोग से निषेधाज्ञा लगवाने व अनुष्ठापन रोकने में सहयोग देंगे.सामाजिक मुद्दों पर मुखिया और अन्य पंचायत प्रतिनिधियों के स्तर पर की गई कार्रवाई/पहल को उनके समग्र कार्य मूल्यांकन में शामिल किया जाएगा एवं राज्य/जिला स्तर पर कार्यक्रम आयोजित कर ऐसे प्रतिनिधियों को सम्मानित किया जाएगकानून का सख्‍ती से पालन होने पर ही रुकेगा बाल विवाह’  ,बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई को पूरी तरह से खत्‍म करने को लेकर  बाल विवाह के समूल उन्‍मूलन के लिए उठाए जा सकने वाले कदमों पर गंभीर विचार-विमर्श किया 


बाल विवाह वाले देशभर के 250 से ज्‍यादा संवेदनशील जिलों में बाल विवाह रोकने के लिए विशेष कार्ययोजना भी बनी, ‘बाल विवाह को खत्‍म करने के लिए जरूरी है कि इसके खिलाफ लोगों को ज्‍यादा से ज्‍यादा जागरूक किया जाए और कानून का सख्‍ती से पालन भी सुनिश्चित हो।’ इस अहम विचार-विमर्श में यह निष्‍कर्ष निकला कि बच्चों, खासकर लड़कियों, की शिक्षा को बढ़ावा देते हुए सरकार और सभी राजनीतिक दलों से मांग की जाए कि मुफ्त अनिवार्य शिक्षा की आयु सीमा 14 से बढ़ाकर 18 साल की जाए। सबने संकल्‍प लिया कि साल 2030 तक भारत को बाल विवाह मुक्‍त बनाएंगे।नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने पिछले साल 16 अक्‍टूबर 2022  से ‘बाल विवाह मुक्‍त भारत’ आंदोलन की शुरुआत की है।

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