15 से 21 तक मनाया जा रहा है भूकम्प सुरक्षा सप्ताह

 


पूर्णियाँ/सिटिहलचल न्यूज़

जिला प्रशासन द्वारा 15 से 21 जनवरी 2023 तक भूकम्प सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में आज अपर समाहर्ता श्री केडी प्रौज्ज्वल द्वारा समाहरणालय परिसर से भूकंप सुरक्षा सप्ताह रथ को हरी झंडी दिखाकर रवानगी किया गया।विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को  जागरूक कराया जा रहा है। भूकम्प सुरक्षा सप्ताह के अन्तर्गत निर्धारित गतिविधियों की जानकारी देते हुए इसकी आवश्यकता को परिलक्षित किया जा रहा है। जिले के विभिन्न प्रखंड अंतर्गत पंचायत एवं गलियों में जा जाकर रथ के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है।


भूकंप के दौरान एवं भूकंप आने के पहले क्या करें  क्या ना करें के बारे में गहन जानकारी दी जा रही है।


भूकंप आने से पहले क्या करें ?


राज्य में भूकंप का जोखिम और इसके प्रति अधिक संवेदनशीलता इस बात से स्पष्ट होती है कि नेपाल से सटे राज्य के 8 जिले भूकंप के दृष्टिकोण से भूकंप जोन पाच में आते हैं।


 जो की सर्वाधिक संवेदनशील है। भारतीय मानक ब्यूरो के नवीनतम सीस्मिक जोन मानचित्र के अनुसार पूर्णिया जिले का एक प्रखंड बनमनखी का लगभग एक तिहाई भाग भूकंप की दृष्टि से सीस्मिक जोन पाच एवं प्रखंड का शेष भाग सीस्मिक जोन चार में आता है। जिले वासियों द्वारा विगत कई भूकंपों को महसूस भी किया गया है।


आपदा प्रबंधन के बदले परिदृश्य में भूकंप रोधी भवनों का निर्माण एवं पूर्व में निर्मित मकानों का रेट्रोफिटिंग कर उन्हें भूकंप रोधी बनाया जाना एक सकारात्मक पहल है। 


जिसके लिए आवश्यक हो जाता है कि निर्माण कार्य में सलंग्न सभी साझेदारों का क्षमता वर्धन एवं आमजन को भूकंप रोधी भवनों के निर्माण के संदर्भ में जागरूक होना आवश्यक है।


आपदारोधी भवन निर्माण के राजमिस्त्रियों को मुख्य रूप से महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विशेष जानकारी जरूरी है।


मकान निर्माण में ठीक से पक्की ईद एक ही प्रकार की होनी चाहिए। सीमेंट में पानी मिलाने के 1 घंटे के अंदर मसाला का उपयोग कर लेना अनिवार्य है।


ईट को जोड़ने से पहले 6 घंटे तक साफ पानी में डूबा कर रखें। मकान निर्माण एवं जुड़ाई के 10 दिनों तक दीवारों को पानी से गिला निरंतर करें।


मकान निर्माण में प्रयोग होने वाले बालू में मोटे दाने से लेकर महीन दाने मिला रहना चाहिए तथा उपयोग में होने वाले सीमेंट ताजा होनी चाहिए।


ईट जोड़ने में दीवार के सभी कोने पर पांकेट बनाएं पॉकेट में छड़ को खड़ा करें। छड़ नींव से छत्त तक जाएगी एक मंजिल में 12 एमएम की छोड़ दो या तीन मंजिल मकान में 16 एमएम की एक छड़ लगाएं।


 मकान ढ़लाई के दौरान स्टील छड़ों को कंक्रीट के अंदर छुपाने के लिए छड़ों के नीचे कवर ब्लॉक एवं चेयर लगाएं।


सर्व विदित है कि भूकंप से लोगों की मृत्यु नहीं होती परंतु भूकंप के कारण कमजोर संरचनाओं के गिरने से लोगों की मृत्यु जान-माल की क्षति होती है तथा एक भय का वातावरण बना रहता है।

   

*भूकंप के दौरान क्या करें*

       भूकंप के दौरान जितना संभव हो उतना सुरक्षित रहें। इस बात के प्रति सतर्क रहें कि कौन-से भूकंप वास्तव में इसकी पूर्व-चेतावनी देने वाले भूकंप के झटके होते हैं और बाद में बड़ा भूकंप भी आ सकता है।


 धीरे-धीरे कुछ कदमों तक सीमित हलचल करें जिससे पास में किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंच सकें और भूकंप के झटकों के रुकने पर घर में तब तक रहें जब तक कि आपको यह सुनिश्चित हो जाएं कि बाहर निकलना सुरक्षित है।



यदि आप घर के अंदर हों:-

आप यदि घर के अंदर हों तो जमीन पर झुक जाए, किसी मजबूत मेज अथवा फर्नीचर के किसी हिस्से के नीचे शरण लें अथवा तब तक मजबूती से पकड़कर बैठे रहें जब तक कि भूकंप के झटके न रुक जाएं। 



यदि आपके पास कोई मेज या डेस्क न हो तो अपने चेहरे तथा सिर को अपने बाजुओं से ढक लें और बिल्डिंग के किसी कोने में झुक कर बैठ जाएं। किसी आंतरिक दरवाजे के लिन्टॅल (लेंटर), किसी कमरे के कोने में, किसी मेज अथवा यहां तक कि किसी पलंग के नीचे रुककर अपने आपको बचाएं। शीषे, खिड़कियों, दरवाजों तथा दीवारों से दूर रहें अथवा ऐसी कोई चीज जो गिर सकती हो (जैसे लाइटिंग फिक्सचर्स या फर्नीचर), से दूर रहें। भूकंप के शुरू होने पर, यदि आप उस समय पलंग पर हैं तो पलंग पर ही रहें। 



अपने सिर पर किसी तकिए को ढककर बचाएं जब तक कि आप किसी भारी लाइट फिक्सचर जो गिर सकती हो, के नीचे न आएं।



 यदि ऐसी स्थिति हो तो पास के किसी सुरक्षित स्थान की ओर खिसक जाएं।

       शरण लेने के लिए तभी ऐसे किसी दरवाजे से निकलकर बाहर जाएं जब वह आपके निकट हो और आप जानते हों कि ये किसी सहारे (सपोर्ट) वाला है और वजन को झेल सकने वाला दरवाजा है।


 जब तक भूकंप के झटके न रुके तथा बाहर जाना सुरक्षित न हो तब तक अंदर रुके रहें।


 अनुसंधान से यह पता चला है कि ज्यादातर चोटें तब लगती है जब भवन के अंदर मौजूद लोग किसी दूसरी जगह अथवा बाहर जाने का प्रयास करते हैं। 


ध्यान रखें कि बिजली कभी भी जा सकती है अथवा स्प्रिंकलर सिस्टम अथवा चेतावनी वाले फायर अलार्म कभी भी चालू है तो ध्वस्त हो सकते हैं।


यदि आप घर के बाहर हों:---

       यदि आप घर के बाहर हों तो जहां हों वहां से आप न हिलें,बिल्डिंग, पेड़ों, स्ट्रीट लाइटों तथा बिजली/टेलीफोन आदि की तारों आदि से दूर रहें। 



यदि आप किसी खुली जगह पर हों तो वहां तब तक रुके रहें जब तक कि भूकंप के झटके न रुक जाएं। सबसे बड़ा खतरा बिल्डिंग के बाहर, निकास द्वारों तथा इसकी बाहरी दीवारों के पास होता है। 


भूकंप से संबंधित अधिकांश दुर्घटनाएं दीवारों के गिरने, टूटकर गिरने वाले कांच तथा गिरने वाली वस्तुओं के कारण होती हैं।



यदि किसी चलते वाहन में हों तो 

जितनी जल्दी संभव हो सुरक्षा के साथ गाड़ी रोकें तथा गाड़ी में रुके रहें।


 बिल्डिंग, पेड़ों, बिजली,टेलीफोन आदि की तारों के पास अथवा नीचे रुकने से बचें। सावधानी से भूकंप के रुकने के बाद आगे बढ़ें अथवा सड़कों, पुलों, रैम्प  जो भूकंप द्वारा क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।



यदि मलबे के नीचे फंसे हों तो 

माचिस की तीली को न जलाएं। धूल न उड़ाएं अथवा हिले-डुले नहीं। अपने मुंह को किसी रुमाल अथवा कपड़ा से ढकें। 


किसी पाइप अथवा दीवार को थपथपाएं ताकि बचाने वाले आपको ढूंढ सकें। यदि उपलब्ध हो तो सीटी का उपयोग करें। अगर और कोई उपाय न हो तो तेजी से चिल्लाएं। 

मौके पर जिला परिवहन पदाधिकारी एवं जिला पंचायत राज पदाधिकारी तथा जिला जनसंपर्क पदाधिकारी एवं संबंधित पदाधिकारी गण मौजूद थे।

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