अमौर/सनोज
अमौर प्रखड में आगामी 25 जनवरी को उर्स के मौके पर पीर बाबा के मजार पर होने वाले चादरपोशी की तैयारियों को लेकर बैठक आयोजित की गई । थानाध्यक्ष राजीव कुमार आजाद के सफल नेतृत्व में तथा प्रखंड विकास पदाधिकारी रंजीत कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में भारी संख्या में क्षेत्र के मोमीनो, दिगर समुदाय लोगों एवं मजार कमेटी के सदस्यों ने भाग लिया । बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में अमौर अंचल अधिकारी शहुदूल हक भी उपस्थित थे । बैठक में मजार कमिटी के सदस्य सह पूर्व प्रमुख जुबेर आलम ने मजार की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अमौर प्रखंड मुख्यालय में पीर बाबा हाजी नजीर अली साह का मजार आस्था का प्रतीक है
जहां सभी समुदाय के लोग आकर सजदा करते हैं और मुराद पाते हैं । पीर बाबा ने अपने जमाने में दीन इस्लाम को कबुल करने, कुरान की आयतों पर अमल करने, इन्सानियत और भाईचारा कायम रखने तथा साम्प्रदायिक एकता अखंडता बनाये रखने का पैगाम दिया था जिस पर हम सभी को अमल करना चाहिए ।पूर्व प्रमुख ने मजार की ऐतिहासिक पहुलुओं पर चर्चा करते हुए कहा कि अमौर प्रखंड मुख्यालय मेंअवस्थित पीर बाबा का मजार ऐतिहासिक धरोहर है और सम्प्रदायिक एकता अखंडता का प्रतीक है। इस मजार की स्थापना ब्रिटिश कालिन भारत से पूर्व हुई थी । ब्रिटिश हुकूमत के दौरान यहां के सिपह सलाकार की देखरेख में इस मजार में उर्ष के मौके पर चादरपोशी की रश्म अदा की जाती है यह परम्परा आज भी जारी है । बैठक में सर्वसम्मति से उर्स के मौके पर मजार परिसर में कौवाली प्रोग्राम किये जाने, साफ सफाई , लाइट, टैन्ट आदि की व्यवस्था किये जाने, दूर दराज से आने वाले श्रद्धालओं व अतिथियों के ठहरने व भोजन आदि की व्यवस्था किये जाने, शरारती तत्वों पर कड़ी नजर रखने तथा चादरपोशी के दौरान विशेष सुरक्षात्मक व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने का निर्णय लिया गया ।
इस मजार कमिटि के पदेन अध्यक्ष प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं पदेन सचिव थानाध्यक्ष होते हैं तथा कमिटी के सदस्यों की देखरेख में यहां हर वर्ष उर्स समारोह का आयोजन होता है । बैठक में मजार कमिटि के पदेन बीडीओ रंजीत कुमार सिंह, पदेन सचिव थानाध्यक्ष राजीव कुमार आजाद, सीओ शहुदूल हक, कमिटि सदस्यों में पूर्व प्रमुख जुबेर आलम, डॉ अशोक कुमार सिंह, मास्टर अहमद, मो वहाब, पूर्व मुखिया खलील, व गणमान्य लोगों में शाहनवाज आलम, नैय्यर आलम, मो नशीम, गणेश प्रसाद साह, शम्स कमर, मो मोइज, मो करीम आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे ।