पूर्णियाँ/सिटिहलचल न्यूज़
बैसा: आजादी के वर्षों के बाद अगर नजारा सदियों पुराना लगे ।तो यह सवाल लाजिमी हो जाता है कि आखिर विकास की लकीर हमारे जनप्रतिनिधी गांव तक क्यों नहीं पहुंचा पाई ।आज भी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत नंदनिया पंचायत के खगड़वाबाड़ी के लोग विकास से कोसों दूर है। नंदिया पंचायत के समाज सेवी मौलाना तहमीद खिजर ने बताया नंदनिया पंचायत अंतर्गत खगड़वाबाड़ी में लगभग 450 की आबादी है। सभी लोग आदिवासी समुदाय से है।केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा इन लोगों के लिए कई तरह की कल्याणकारी योजनाएं चला रही है। परंतु सभी लोग इन कल्याणकारी योजनाओं की लाभ से वंचित रहता है।सबसे बड़ी बात यह है
कि इन लोगों को आज तक गांव से निकलने के लिए एक सड़क भी सरकार द्वारा मुहैया नहीं करा पाई है। यह गांव एक तरह से टापू में तब्दील हुआ पड़ा है। विकास क्या होती है इससे उक्त गांव के लोग अनजान है।सड़क नहीं रहने के कारण कोई भी प्रशासनिक अधिकारी इस गांव जाना मुनासिब नहीं समझते हैं। आज तक इस गांव में सासंद या विधायक कोई भी नहीं पहुंचा है।इसकी वजह यह है कि गांव तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं है।प्रशासनिक अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधियों तक सभी इस गांव के लोगों की दुख - दर्द से वाकिफ है।परंतु इन लोगों की समस्याओं का समाधान कोई नहीं कर रहा है। जिसके कारण गांव के लोगों की जिंदगी नारकीय बनी हुई है। वहीं गांव के लोगों की मानें तो सड़क नहीं रहने के कारण गांव के बच्चे शिक्षा से वंचित है
क्योंकि सड़क नहीं रहने के कारण बच्चे गांव से बाहर विधालय पढ़ने के लिए नहीं जा पा रहे हैं।साथ ही साथ इस गांव में अगर कोई बीमार पड़ जाए तो उनको खटया में उठाकर इलाज के लिए हॉस्पिटल ले जाना पड़ता है।इस गांव में ना ही विधालय है ।और ना ही आंगनबाड़ी केंद्र।जिसके कारण इस गांव के बच्चों का भी भविष्य अंधकार की ओर जा रही है।गांव के लोगों ने बताया कि हम लोग अपनी समस्याओं को लेकर कई बार संबंधित अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक गुहार लगा चुके हैं।परंतु हर बार सिर्फ आशवासन ही मिला है।