मूंसी और मजदूर के देखरेख में करोड़ों के लागत से सरकारी भवन का हो रहा निर्माण

मुरलीगंज संवाददाता मिथिलेश

पोखराम परमानंदपुर पंचायत में  उपस्वास्थय केन्द्र भवन का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। विभागीय नियमो की अनदेखी कर भवन निर्माण कार्य होने की बात कही जा रही है। करोड़ो की लागत से हो रहे भवन निर्माण मूंसी और मजदूर के देखरेख में चल रहा है। बिहार चिकित्सा सेवा और बुनियादी ढ़ांचा निगम के द्वारा परमानंदपुर गाँव में उपस्वास्थय केन्द्र का भवन निर्माण कार्य हो रहा है। वर्तमान में भवन का प्लिन्थ (पाया) निर्माण किया जा रहा है। करोड़ो रूपये के लागत से हो रहे भवन निर्माण कार्य में स्थल पर इंजीनायर नही रहते हैं। मुंशी, मिस्त्री और मजदूर के के भरोसे एपीएचसी निर्माण हो रहा है। मैटेरियल जांच की अनदेखी की जा रही है


करोड़ो की लागत से भवन निर्माण में स्थल पर गुणनियंत्रक यंत्र की व्यवस्था नही है। आलम यह है कि विभागीय नियमो को ताक पर रखकर निर्माण कार्य किया जा रहा है। बताया जाता है कि प्लिन्थ निर्माण के दौरान ईंजीनियर की मौजूदगी आवश्यक है। लेकिन परमानंदपुर में 1.20 लाख की उपस्वास्थय केन्द्र भवन निर्माण में कार्य स्थल पर ईंजीनियर नदारद रहते हैं। स्थानीय कुछ ग्रामीणो का कहना है कि निर्माण स्थल पर विभागीय इंजीनियर नही रहते हैं। हो रहे भवन निर्माण का पब्लिक इन्फर्मेशन बोर्ड स्थल पर नहीं लगाया गया है। मूंशी, मिस्त्री और मजदूर के जिम्मे निर्माण कार्य हो रहा है

पंचायत के मुखिया गजेंद्र यादव, सरपंच प्रमोद कुमार पप्पू ने कहा कि विभागीय ईंजीनियर के मौजूदगी में गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य होना चाहिए। सिर्फ मिस्त्री व मजदूर के भरोसे निर्माण की गुणवत्ताओ पर सवाल खड़ा होता है। इतना ही नही निर्माण स्थल पर पब्लिक इन्फर्मेशन बोर्ड होना चाहिए।बीडीओ अनिल कुमार ने कहा कि निर्माण स्थल पर ईंजीनियर को रहना चाहिए, अगर नही रहते हैं तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को अवगत कराया जाएगा। अपने स्तर से भी निर्माण कार्य को देखेंगे।

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