पूर्णिया से प्रवीण भदौरिया की रिपोर्ट
पूर्णिया: नारी गुंजन संस्थान द्वारा संचालित जिला बाल संरक्षण गृह में युवतियों को स्वावलंबी बने जिसको लेकर भारतीय महिला मारवाड़ी मंच की पहल पर उनको आर्थिक एवं संसाधनों की मदद कर होली को देखते हुए नेचुरल एवं हर्बल रंग का निर्माण करवाया गया, जिसकी मार्केटिंग अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन की महिलाओं ने स्टॉल लगाकर पूर्णिया के बाजारों में बेच रही है। जिसका फायदा सीधे तौर पर उन युवतियों को दिया जा रहा है जो बाल संरक्षण गृह में रह रही है
इस बाबत में मौके पर मौजूद जिला बाल संरक्षण इकाई की परामर्शी नीलू कुमारी ने बताया कि जिला प्रशासन के साथ-साथ सामाजिक संस्थानों के द्वारा युक्तियां जो बाल संरक्षण गृह में रह रही है उनको प्रोत्साहन एवं वह स्वावलंबी बने इस को लेकर अलग अलग तरीके से मदद की जाती है। इसी कड़ी में पूर्व में भी कोविड-19 उन युवतियों को अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन के कार्यकर्ताओं एवं जिला प्रशासन के द्वारा सिलाई मशीन की व्यवस्था कराई गई थी
जिसके तहत मास्क का निर्माण कराया गया था। जिसको बेचकर उन युवतियों को ₹45000 का फायदा मिला था। वहीं इस वर्ष होली को देखते हुए नेचुरल एवं हर्बल आरारोट पाउडर से निर्मित रंग व अविर का निर्माण युवतियों द्वारा किया गया जिसे ₹50 एवं ₹100 की दर से मिट्टी के बर्तन में पैकिंग कर शहर के अलग-अलग बाजारों में स्टाल लगाकर अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन की सदस्य बेच रही है
इस बाबत में अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन की जिला अध्यक्ष डॉ निशा प्रकाश ने बताया कि उनकी संस्थान उन युवतियों के लिए लगातार प्रयास कर रही है साथ ही लोगों से भी हम अपील करते हैं कि उनके द्वारा निर्मित सामान जरूर खरीदें ताकि वह युक्तियां जब बालिका गृह से बाहर जाए तो समाज की मुख्यधारा से जुड़ सके एवं अपनी जिंदगी खुद जी सके साथ ही स्वालंबी बन सके।