गांव में सड़क नहीं होने की वजह से बेटियों की नहीं उठ रही है डोली,बारात लेकर नहीं आना चाहते लड़के वाले
टेढ़ागाछ /सिटी हलचल न्यूज
किशनगंज : किशनगंज जिले के टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत भोरहा पंचायत स्थित वार्ड संख्या दो पुराना टेढ़ागाछ पिछले कई सालों से नदी कटाव का सामना कर रहा हैं ।मालूम हो हर साल बारिश के महीने में नदी का जलस्तर बढ़ने लगता हैं साथ ही नदी किनारे कटाव भी शुरू हो जाती हैं l नेपाल के बिल्कुल सटे होने के कारण रेतुआ नदी का पानी सबसे पहले भारत के इसी गांव में प्रवेश करता है ।कटाव की वजह से हर साल दर्जनों परिवार यहां विस्थापित होते है ।ग्रामीण अपना बना बनाया आशियाना खुद अपने ही हाथों से उजाड़ कर सड़क किनारे झोपडी बना कर मजबूर होते है।गौरतलब हो कि गांव के अधिकांश लोग अपनी आजीविका के लिए खेती मजदुरी पर निर्भर रहते हैं जिस कारण लोगों की आर्थिक स्थिति भी दयनीय अवस्था में हैं
नतीजा होता है कि ग्रामीण आज भी मध्य युगीन काल में जीवन यापन कर रहे है ।कहने को आजादी के 78 साल बीत चुके है लेकिन यहां के ग्रामीणों की दशा देख कर समझा जा सकता है कि इनकी स्थिति कैसी है।समाजसेवी विजय कुमार साह ने बताया कि पूर्व में इस गांव में ही प्रखंड कार्यालय हुआ करता था लेकिन बाद में ब्लॉक हाटगांव पंचायत में बनने के कारण उस जगह का भी नाम टेढ़ागाछ हो गया और इस गांव की उपेक्षा होने के कारण यहां आजतक विकास नहीं हो सका । गांव तक पहुंचने के लिए ग्रामीणों को भारी मशक्कत का सामना करना पड़ता है , इसी वजह से लोग इस गांव में अपने बेटों की शादी भी नहीं करना चाहते ,जिसकी वजह से उम्र हो जाने के बाद भी कई लड़कियां आज अविवाहित हैं।ग्रामीणों ने कहा कि अब तो कई सालों से नदी कटाव के कारण लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा हैं l स्थानीय निवासी पंखा देवी ने बताया कि गांव में कटाव का जायजा लेने के लिए विधायक अंजार नईमी ने भी दौरा किया लेकिन आश्वासन देकर चले गए और आजतक कार्य नहीं हुआ l नदी कटाव के समय जन प्रतिनिधियों के लिए यह एक पर्यटन स्थल बन जाता हैं उन्हें हमारे दुखो से कोई सरोकार नहीं है ।ग्रामीणों ने कहा कि नदी कटाव के कारण गांव में बनी सड़क क्षतिग्रस्त हो गई हैं
छोटे छोटे बच्चे बाढ़ के समय नदी में गिरने के डर से विद्यालय नहीं जा पाते । यहां के बच्चे माता पिता की आर्थिक स्थिति सही नहीं रहने के कारण उच्य शिक्षा से वंचित हो रहे हैं स्थानीय ग्रामीण माघेश्वर प्रसाद , पंखा देवी, अकाली देवी, कल्पना देवी, लोरिया देवी, अनार देवी, वीरेंद्र सिंह, किरण, भीष्म सिंह, अशोक सिंह, प्रकाश,मोती लाल सिंह, मोहम्मद अली, करण कुमार, श्याम लाल, गया लाल, गणेश प्रसाद दास, शनि लाल आदि ने प्रशासन से कटाव निरोधी कार्य शुरू करवाने की मांग की है।ग्रामीणों ने कहा कि यदि समय रहते कार्य नहीं होता तो हम प्रखंड मुख्यालय और अंचल कार्यालय का घेराव करेंगे ।यही नहीं ग्रामीणों ने कहा कि आगामी विधान सभा चुनाव में वोट का भी बहिष्कार वो करेंगे क्योंकि जब जनप्रतिनिधि उनका दुख ही नहीं समझते तो आखिर वो क्यों वोट दे।इस संबंध में जब जल निस्सरण विभाग के कार्यपालक अभियंता से फोन पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि फिलहाल पुराना टेढ़ागाछ गांव में कटाव निरोधी कार्य हेतु कोई प्राक्कलन तैयार नहीं किया गया है ।यदि बरसात में पानी आता है तो बम्बू पाइलिंग का कार्य करवाया जाएगा। जरूरत है बरसात से पूर्व ही इस गांव में कटाव निरोधी कार्य करवाए जाने की ताकि गांव के अस्तित्व को बचाया जा सके।