दिल्ली/सिटिहलचल न्यूज
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में कल हुए आतंकी हमले में 26 लोग की मौत के बाद भारत सरकार ने कड़ा एक्शन लिया है। पीएम मोदी के आवास पर हुई सीसीएस की बैठक के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु-जल संधि को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही पाकिस्तान के नागरिकों को दिए जाने वाले वीजा भी रद्द कर दिए गए हैं। साथ ही भारत में पाकिस्तानी दूतावास को बंद करने और पाकिस्तानी राजनयिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है।पीएम आवास पर सीसीएस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की उपस्थिति में फैसला लिया गया कि सारे पाकिस्तानियों का वीजा रद्द किया जाएगा
गौरतलब है कि हमले में पाकिस्तान का हाथ होने के संकेत हैं।विदेश मंत्रालय ने मीटिंग के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि अटारी-बाघा बॉर्डर चेक पोस्ट को भी बंद कर दिया गया है। पाकिस्तानियों के भारत आने पर रोक लगा दी गई है। कल रक्षा मंत्री के नेतृत्व में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “इस आतंकवादी हमले की गंभीरता को समझते हुए, सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने निम्नलिखित उपायों पर निर्णय लिया है।विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि भारत इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा/नौसेना/वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा। संबंधित उच्चायोगों में ये पद रद्द माने जाते हैं। सेवा सलाहकारों के पांच सहायक कर्मचारियों को भी दोनों उच्चायोगों से वापस बुलाया जाएगा। 1 मई 2025 तक और कटौती के माध्यम से उच्चायोगों की कुल संख्या वर्तमान 55 से घटाकर 30 कर दी जाएगी
पाकिस्तान पर आने वाला हैं बड़ा जल संकट
19 सितंबर 1960 को भारत और पाकिस्तान के बीच 6 नदियों का पानी बांटने को लेकर एक समझौता हुआ था, जिसे सिंधु जल संधि कहते हैं। समझौते के तहत भारत को तीन पूर्वी नदियों (रावी, ब्यास और सतलुज) का अधिकार मिला, जबकि पाकिस्तान को तीन पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम और चिनाब) का इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई। पाकिस्तान की 80% खेती सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों के पानी पर निर्भर है। अब भारत की तरफ से इन नदियों का पानी रोक देने से पाकिस्तान में जल संकट गहराएगा। वहां की आर्थिक स्थिति बिगड़ेगी। इसके अलावा पाकिस्तान कई डैम और हाइड्रो प्रोजेक्ट्स से बिजली बनाता है। पानी की कमी से बिजली उत्पादन में गिरावट आ सकती है, जिससे आर्थिक और औद्योगिक गतिविधियों पर असर पड़ेगा।