पटना रंजीत डे
इंडियन अकादमी ऑफ़ पेडियाट्रिशयन्स बिहार शाखा,राजेन्द्रनगर स्थित मेडिवर्सल मातृ व ग्रो सोसाइटी के तत्वावधान में "15 वां प्रैक्टिकल पीडियाट्रिक एंडोक्रिनोलॉजी कार्यशाला" में देश के प्रसिद्ध शिशु रोग विशेषज्ञ इंडोक्राइनोलाजिस्ट कानपुर से आये डा अनुराग वाजपेयी ने कहा कि डायग्नोसिस में पहले यह देखना होगा कि वजह न्यूट्रीशनल है या हारमोनल। बच्चों में बढ़ती मोटापे की प्रवृत्ति और हार्मोन का असंतुलन चिन्ताजनक है,इसका प्रमुख कारण खराब जीवनशैली, खेल कूद से दूरी और गलत खानपान है। गोल मटोल बच्चे अब नहीं अच्छे।
बाल स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित इस वर्कशॉप में मेडिवर्सल मातृ के एच ओ डी पेडियाट्रिक, डा सुशील पाठक ने कहा कि स्क्रीन टाईम 1 घंटे से अधिक नहीं हो और पैकेटबंद फुड से दूरी अनिवार्य है। समय पर चिकित्सक से संपर्क और सही डायग्नोसिस बच्चों को ऐसी परेशानी से बचा सकता है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा विजय जैन ने कहा कि बच्चों में बढ़ता वजन,डायबिटीज, बी पी पर समय रहते काबू नहीं किया गया तो भविष्य में स्थिति भयावह होगी। इस मौके पर गेस्ट आफ आनर डा एस ए कृष्णा, डा ए के जायसवाल, प्रेसीडेंट डा श्रवण कुमार, सेक्रेटरी डॉ रश्मि अग्रवाल डा निगम प्रकाश नारायण भी उपस्थित थे। मेडिवर्सल मातृ के निदेशक भानु प्रताप व जयंत गांधी ने इस मौके पर कहा कि यह पीडियाट्रिक एंडोक्रिनोलॉजी कार्यशाला एक महत्वपूर्ण पहल है जो बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में काम करेगी।


Post a Comment