पूर्णिया/सिटिहलचल न्यूज़
बहुजन क्रांति मोर्चा के प्रमंडलीय प्रभारी सह राजद के वरिष्ठ नेता प्रोफ़ेसर आलोक कुमार ने बयान जारी कर कहा की बिहार सरकार राज्य के बिजली उपभोक्ताओं को इस स्मार्ट मीटर लगाने का फ़रमान जारी कर आम लोगों को अनावश्यक रूप से परेशान कर रहा है । स्मार्ट मीटर के द्वारा उपभोक्ता के बिजली बिल में पोस्टपेड मीटर से ज़्यादा बिलिंग आ रहा है । आम जन इस स्मार्ट मीटर से काफ़ी परेशानी के शिकार हो चुके हैं । स्मार्ट मीटर लगने के बाद काफ़ी लोगों के घरों में समय पर रिचार्ज नहीं कराने पर बिजली कनेक्शन काटा जा रहा है । ग़रीब उपभोक्ताओं को समय पर रिचार्ज नहीं करने पर तुरंत कनेक्शन काटने से अंधकार में मोमबत्ती के सहारे कई दिनों तक रहना पर रहा है । ग़रीब उपभोक्ता अब किरासन तेल के बंद होने से और भी परेशान हैं ।
प्रोफ़ेसर आलोक ने कहा कि बिजली कंपनी बिहार में अन्य राज्यों की तुलना में काफ़ी महँगे दर पर उपभोक्ताओं को बिजली उपलब्ध करा रही है। न्यूनतम दो रुपया प्रति यूनिट बिजली ख़रीद कर राज्य के उपभोक्ताओं को सात रुपया प्रति यूनिट के दर से उपभोक्ताओं को बिल दिया जा रहा है । देश के अन्य राज्यों में भी उपभोक्ताओं के विरोध के चलते स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य रुका हुआ है । बिहार में भी ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी क्षेत्रों के उपभोक्ता सड़क पर उतरकर आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं । प्रोफ़ेसर आलोक ने केन्द्र एवं राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि । बड़ी -बड़ी निजी कंपनी को लाभ पहुँचाने के लिए स्मार्ट मीटर के द्वारा आम जनता की गाढ़ी कमाई को लुटने का फंडा निकाला गया । राजद सहित विपक्षी दलों के लोगों ने आम जन को राहत दिलाने के लिए आंदोलनात्मक अभियान चलाने का निर्णय लिया । इसी कड़ी में एक अक्टूबर को बिहार के सभी प्रखंड मुख्यालयों पर राष्ट्रीय जनता दल धरना का कार्यक्रम आयोजित किया है । प्रोफ़ेसर आलोक ने सभी बहुजन सामाजिक संगठनों को अपने अपने स्थानीय उपभोक्ताओं के साथ इस आंदोलन में भागीदारी सुनिश्चित करने का आग्रह किया था ।