पूर्णिया/सिटिहलचल न्यूज
नेपाल में हुई भारी वर्षा के कारण नदियों के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। शनिवार को कोसी का डिस्चार्ज 6,81,000 क्यूसेक तक पहुंचने का अनुमान है जो कोसी क्षेत्र के लिए अलार्मिंग है।इसको देखते हुए कोसी बैराज पर अनिश्चित काल के लिए आवगमन बंद कर दिया गया है। इसको लेकर नेपाल जिला प्रशासन सप्तरी, राजविराज ने प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है। इसबार पानी ने 56 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। बढ़ते पानी को देखते हुए सुपौल जिलाधिकारी कौशल कुमार ने कोसी बैराज का जायजा लिया। वहीं नेपाल अपने आप को बाढ़ के कहर से बचाने के लिए सभी 56 फाटकों को खोल दिया हैं। मगर पानी क्षमता से अधिक हैं, अगर और ज्यादा बारिश हुआ तो अनुमान लगाया जा रहा है कि बैराज के ऊपर से पानी चला जायेगा। वही पानी के लेबल को देखते हुए कोसी,सीमाँचल के सभी जिले अलर्ट मोड पर है। जिला प्रशासन ने नीचे इलाको से सभी को सुरक्षित निकल जाने के आदेश दिए हैं। तटबंधों के सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है। नाविकों को नदी में नाव लेकर जाने की मनाही है। बताया जाता है कि आने वाला 72 घंटा कोसी, सीमाँचल के लिए परीक्षा की घड़ी हैं। अगर कोसी बैराज पर ज्यादा दबाब पड़ा तो फिर 1987 के तरह बाढ़ इन इलाकों में ब्यापक तबाही मचाएगा।
वहीं इसको लेकर जल संसाधन विभाग, बिहार सरकार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि 27 सितंबर से नेपाल प्रभाग में निरंतर वर्षापात जारी है, जिसके फलस्वरूप नेपाल प्रभाग से उद्गमित होने वाली गंडक, कोशी, महानंदा, बागमती आदि नदियों में इस मॉनसून के अधिकतम जलश्राव के प्रवाहित होने की संभावना है। बताया गया कि शनिवार को अप० 07:00 बजे गंडक बराज, वाल्मीकीनगर से 5.38 लाख क्यूसेक एवं कोशी बराज, वीरपुर से 5.79 लाख क्यूसेक जलश्राव प्रवाहित हुआ है, जिनमें बढ़ने की प्रवृति है। जबकि अप० 07:00 बजे नेपाल प्रभाग में गंडक बराज, वाल्मीकीनगर के उर्द्धवप्रवाह में अवस्थित देवघाट स्थल पर 5.40 लाख क्यूसेक एवं कोशी बराज, वीरपुर के उर्द्धवप्रवाह में अवस्थित बराहक्षेत्र स्थल पर 4.99 लाख क्यूसेक जलश्राव प्रवाहित हुआ है। जिसको लेकर कोशी बराज, वीरपुर पर एहतियातन आवागमन प्रतिबंधित कर दिया गया है।सभी क्षेत्रीय अभियंता तटबंधों / संरचनाओं के सुरक्षा के दृष्टिकोण से संवेदनशील, अतिसंवेदनशील स्थलों पर कैम्प कर रहे है। सभी स्थलों पर पर्याप्त मात्रा में बाढ़ संघर्षात्मक सामग्रियों का भंडारण कराया गया है। तटबंध के प्रत्येक कि०मी० पर तटबंध श्रमिकों की प्रतिनियुक्ति की गई है। साथ ही आवश्यकतानुसार संवेदनशील/अतिसंवेदनशील स्थलों के बेहतर पर्यवेक्षण हेतु 45 कनीय अभियंताओं, 25 सहायक अभियंताओं, 17 कार्यपालक अभियंताओं एवं 03 अधीक्षण अभियंताओं की प्रतिनियुक्ति भी की गयी है। वही आपदा की स्थिति को ध्यान में रखते हुए विभागीय स्तर पर प्रधान सचिव, जल संसाधन विभाग के नियंत्रणाधीन एवं अभियंता प्रमुख स्तर के पदाधिकारी के प्रभार में 24 घंटे एवं 03 पाली में आगामी 72 घंटों के लिये कार्यरत रहने हेतु "वार रूम" स्थापित किया गया हैं।