डॉक्टर के बदले कंपाउंडर द्वारा इलाज करने का आरोप
पूर्णियाँ/सिटीहलचल न्यूज़
पूर्णिया में मरीज की मौत के बाद लाइन बाजार स्थित एम.एम न्यूरो नर्सिंग होम में खूब हंगामा हुआ। परिजनों ने निजी अस्पताल के संचालक और कंपाउंडर को मरीज की मौत के लिए जिम्मेवार ठहराया है। परिजनों का कहना है कि इलाज के फीस के नाम पर पहले 21 हजार और फिर 6 हजार की डिमांड की। इलाज के नाम पर पैसे ऐंठे जाते रहे, मगर एक बार भी डॉक्टर झांकने तक नहीं आया। कंपाउंडर बरगलाते रहे, डॉक्टर के बजाए कंपाउंडर ने इलाज किया। जिस कारणवश उनके मरीज की मौत हो गई। मृतक की पहचान जानकीनगर थाना क्षेत्र के जानकीनगर गांव निवासी स्वर्गीय विपत भगत के बेटे दिलीप भगत (50) के रूप में हुई है।
घटना की जानकारी देते हुए मृतक के भतीजे सौरभ भगत ने बताया कि दिलीप भगत अपने बेटे के साथ जानकीनगर से गुलाबबाग गए थे। वे ग़ुलाबबाग से ट्रैक्टर पर बोरा लेकर वापस जानकीनगर लौट रहे थे,कि तभी ट्रैक्टर में ईंधन लेने के लिए दिलीप भगत के बेटे ने ट्रैक्टर रोकी। बेटा ट्रैक्टर में ईंधन ले रहा था। इसी क्रम में पिता दिलीप भगत चाय पीने के लिए सड़क पार कर चाय दुकान जा रहे थे। सड़क क्रॉस करने के क्रम में तेज दफ्तर बाइक ने अधेड़ की जोरदार टक्कर मार दी, जिसके बाद बाइक चालक गाड़ी छोड़ फरार हो गया।हादसे के बाद बेटे ने लोगों से मदद मांगी। जिसके बाद अधेड़ को इलाज के लिए पहले जीएमसीएच पूर्णिया ले जाया गया। इसी वक्त एक दलाल एंबुलेंस लेकर अस्पताल में घुसा। परिजनों को बरगलाकर लाइन बाजार स्थित निजी हॉस्पिटल ले गया। वहीं मरीज की मौत के बाद परिजनों ने खूब बवाल काटा। हंगामे की सूचना मिलते ही सदर थाना की पुलिस मौके पर पहुंची, जिसके बाद
हॉस्पिटल संचालक को अपने साथ लेकर चली गई। वही घटना की जानकारी देते हुए सदर थानाध्यक्ष राजीव लाल ने कहा कि परिजनों ने अस्पताल संचालक के खिलाफ आवेदन नहीं दिया है। जिसके चलते पुछताछ के बाद अस्पताल संचालक को छोड़ना पड़ा। वही पूरे मामले को लेकर हॉस्पिटल के संचालक मो. मुजाहिद ने बताया कि परिजन का आरोप बिल्कुल गलत है, वीडियो कॉल करके उन्हें सब कुछ समझा दिया था। मेरे हॉस्पिटल में हमेशा डॉक्टर रहते है।