पूर्णिया/प्रतिनिधि
बहुजन क्रांति मोर्चा के प्रमंडलीय प्रभारी सह राजद के वरिष्ठ नेता प्रोफेसर आलोक कुमार ने बिहार में जाति आधारित जनगणना एवं आर्थिक सर्वे के आधार पर 75 प्रतिशत आरक्षण सरकारी सेवा एवं शैक्षणिक संस्थानों में राज्यपाल की स्वीकृति के बाद अधिसूचना जारी कर विभिन्न सेवा संवर्गों में नियुक्ति की प्रक्रिया आरंभ करने का पुरजोर स्वागत किया है। प्रोफेसर आलोक ने कहा कि बिहार के माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं उपमुख्यमंत्री श्री तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आजादी के बाद बिहार पहला राज्य बन गया है, जहां सामाजिक न्याय के साथ- साथ आर्थिक न्याय की अवधारणा को जमीन पर उतारने का निर्णय लिया गया है।
इससे पूर्व तामिलनाडु सरकार ने पिछड़े वर्गों को 69 प्रतिशत आरक्षण लागू कर संविधान की 9वीं अनुसूची में डालकर न्यायालय के हस्तक्षेप से दूर रखा है। बिहार सरकार ने 94 लाख गरीब परिवार के एक सदस्य को रोजगार के लिए आर्थिक सहायता एवं भूमिहीन परिवार को भूमि खरीद के लिए राशि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। जिससे बिहार में गरीबों के आर्थिक उन्नयन का रास्ता खुलेगा।
प्रोफेसर आलोक ने कहा कि आरक्षण विधेयक तामिलनाडु के तर्ज़ पर 9वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केन्द्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजने के निर्णय से न्यायलयों में आरक्षण को चुनौती नहीं दी जा सकेगी। प्रोफेसर आलोक ने केंद्र सरकार से जल्द से जल्द बिहार के आरक्षण व्यवस्था को 9 वीं अनुसूची में डालने के लिए आगामी सत्र में ही विधेयक लाने की मांग किया है साथ ही लंबे समय से चली आ रही विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठायी है।