कोढ़ा/शंभु कुमार
कोढ़ा प्रखंड क्षेत्र के बहरखाल पंचायत अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय महेशवा में कमरों के अभाव रहने के कारण यहां के छात्र-छात्रा खुले में एवं टिन का बने घर में पठन-पाठन करने मजबूर हैं। इस तरह छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन करने में काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। साथ ही विद्यालय में चारदीवारी भी नहीं रहने के कारण आगे पक्की सड़क में बच्चों के साथ दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना बनी रहती है। प्राथमिक विद्यालय महेशवा में महज दो कमरा है जिसमें एक कमरा में कार्यालय एवं गोदाम है तथा दो कमरा में पठन-पाठन का कार्य होता है। जबकि यहां वर्ग एक से वर्ग पांच तक के कुल 207 छात्र एवं छात्र नामांकित है। विद्यालय में कमरा के अभाव के कारण छात्र-छात्रा झोपड़ी नुमा घर व खुले आसमान के नीचे पढ़ने को विवश हैं। बताते चलें कि प्राथमिक विद्यालय महेशवा का स्थापना आजादी से पूर्व ही 1921 ईसवी में हुई है। यह विद्यालय श्री गुरु नानक ऐतिहासिक गुरुद्वारा महेशवा बिसनपुर से सटे हुए हैं। इन विद्यालय को मात्र सात डिसमिल जमीन उपलब्ध है शेष जमीन गुरुद्वारा की है। यहां बच्चों को
बैठने के लिए मात्र तीन कमरे हैं, जिसमें एक कमरा कार्यालय एवं गोदाम के लिए इस्तेमाल किया जाता है। शेष बच्चे दो कमरों में वर्ग एक से पांच तक के छात्र छात्राओं का पठन पाठन होना है। जिस कारण बच्चों का उपस्थिति ज्यादा होने के कारण बच्चों को खुले आसमान के नीचे या फिर झोपड़ी नुमा बने घर में पठन-पाठन का कार्य करते हैं। छात्र एवं छात्र बताते हैं कि हम लोग बाहर में पढ़ाई तो किसी तरह करते हैं और जब बारिश या ठंड तथा तेज धूप होती है तब पठन पाठन करने में काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। छात्र-छात्राओं ने कहा कि अब ठंड का मौसम भी दस्तक दे रहा है और खुले में पढ़ाई करने से वे लोग बीमार भी हो सकते हैं। छात्र-छात्राओं में यह भी बताया कि उक्त विद्यालय में चार दिवारी का अभाव है। चारदीवारी नहीं रहने के कारण हर वक्त दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। क्योंकि विद्यालय के आगे पक्की सड़क है और उक्त सड़क पर हमेशा वाहनों का आवाजाही होता रहता है। जिस कारण बच्चों के साथ दुर्घटना होने की संभावना भी बनी रहती है। विद्यालय के शिक्षकों ने कहा कि अगर चारदीवारी विद्यालय में हो जाता है तो शिक्षकों के साथ-साथ छात्र-छात्राओं को भी सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि विद्यालय में चारदीवारी के साथ साथ विद्यालय में और भवन का निर्माण होना बहुत जरूरी है। उन्होंने इस दौरान बताया कि विद्यालय को अपना जमीन ज्यादा नहीं होने के कारण भवन का निर्माण नहीं हो पा रहा है। आगे बताया कि खासकर ठंड व बरसात के दिनों में बच्चों को बैठने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। छात्र राज कुमार, आनंद कुमार, अभिषेक कुमार, अमन सिंह, पल्लव कुमार, कुंदन कुमार, संजीव कुमार आदि ने बताया कि हम लोग विद्यालय पढ़ाई करने तो आते हैं मगर विद्यालय में हम लोगों को सुविधा नहीं मिल रही है।
क्योंकि विद्यालय में कमरों की काफी अभाव है, विद्यालय में जिस अनुपात में बच्चों की उपस्थिति होती है उस स्थिति में हम लोग कभी कभी खुले आसमान के नीचे या फिर बरामदे में बैठकर पठन-पाठन का कार्य करते हैं। और जब बरसात होता था तो हम लोगों के ऊपर मानो पहाड़ ही टूट पड़ती है और ठंड का मौसम भी आ गया है और ठंड में उन लोगों को विद्यालय के कमरे के बाहर पठन-पाठन करने में परेशानियों से गुजरना पड़ेगा। विद्यालय के शिक्षक एवं छात्र छात्राओं ने विद्यालय परिसर में भवन निर्माण एवं चार दिवारी का निर्माण कराने की मांग की है।