पूर्णियाँ/सिटी हलचल न्यूज़
पूर्णिया : बहुजन क्रांति मोर्चा के प्रमंडलीय प्रभारी सह राजद के वरिष्ठ नेता प्रोफेसर आलोक कुमार ने बयान जारी कर लोकसभा में भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी द्वारा बसपा सांसद दानिश अली को असंसदीय भाषा एवं घोर आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल कर गाली गलौज करने की घटना को संसदीय इतिहास में घृणित घटना बताया है। प्रोफेसर आलोक ने कहा कि नए संसद भवन के उद्घाटन में आदिवासी विधवा महिला महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को शामिल नहीं करना मनुस्मृति के सनातन धर्म का जीता जागता उदाहरण है। सनातन धर्म में एक विधवा आदिवासी से शुभ कार्य कराना अशुभ माना जाता है। भारतीय लोकतंत्र की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है
नये संसद भवन के प्रथम सत्र में ही भाजपा सांसद द्वारा बसपा सांसद दानिश अली को उग्रवादी, आतंकवादी, मुल्ला जैसे शब्दों से प्रहार करना भाजपा आर.एस.एस विचारधारा की देन है, इस तरह के वक्तव्य पूर्व में भाजपा के केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर एवं भाजपा सांसद आतंकवादी गतिविधि में आरोपित प्रज्ञा सिंह ठाकुर एवं देश के कई भाजपा नेताओं के द्वारा आपत्तिजनक असंसदीय भाषा का लगातार प्रयोग किया जाता रहा है, सिर्फ खानापूर्ति कर इन नेताओं को भाजपा आलाकमान छोड़ देते हैं। प्रोफेसर आलोक ने कहा कि भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी को दल से निष्कासित कर आजीवन संसदीय चुनाव लड़ने से यदि नहीं रोका जाता है तो ऐसा समझा जाएगा कि संघ एवं प्रधानमंत्री के इशारे पर देश में चुनावी ध्रुवीकरण की राजनीति को जानबूझकर बढ़ावा दिया जा रहा है
धार्मिक आधार पर भारत के अल्पसंख्यक समुदाय मुस्लिम ,सिख, इसाई एवं बौद्धों को टारगेट कर सांप्रदायिक जहर घोला जा रहा है। लव-जिहाद , धर्मांतरण जैसे मुद्दों को संघ प्रमुख मोहन भागवत द्वारा उठाकर देश में पिछड़े वर्गों की जाति आधारित गिनती , महिला आरक्षण में ओबीसी एवं एस.सी एस.टी तथा अल्पसंख्यक महिलाओं के लिए आरक्षण जैसे मुद्दे को दबाने के लिए भाजपा आने वाले लोकसभा चुनाव में समाज को बांटने का प्रयास कर रहा है।