जोगबनी से अजय प्रसाद की रिपोर्ट
सोमवार को सीमावर्ती शहर जोगबनी की सुहागिनों ने वट सावित्री की पूजा कर की पति की दीर्घायु उम्र की कामनाएं की। जोगबनी के शहरी इलाकों सहित ग्रामीण क्षेत्र की सुहागन ने वट सावित्री व्रत का अनुष्ठान कर अपने पति की लंबी उम्र, सुख सम्पति, शांति की कामना करते हुय अपने पति के माथे पर तिलक लगाया। महिलाएं उपवास रह कर स्नान कर वट वृक्ष की विधिवत पूजा-अर्चना किया। सुहागिन महिलाये वृक्ष में रक्षासूत्र लपेटते परिक्रमा करते नजर आ रही थी
पौराणिक कथा के अनुसार आज के दिन वट वृक्ष की पूजा-अर्चना करने से पति की उम्र लंबी होती है। सुहागन ने अपने पति की दीर्घायु तथा सभी विपदाओं से रक्षा को लेकर वट-सावित्री व्रत रखा तथा वट वृक्ष की फेरी लगा कर पूजा- अर्चना की। वट सावित्री व्रत के अवसर पर अहले सुबह से ही क्षेत्र की नई- नवेली दुल्हनों ने उपवास रख अपने- अपने पति की दीर्घायु के साथ ही सभी बाधाओं- विपदाओं से रक्षा को लेकर स्नान आदि के बाद पास के मंदिरों एवं देव स्थानों पर लगे वट- वृक्ष की पूजा- अर्चना करने के बाद वट वृक्ष में धागा लपटते हुए 108 बार फेरी लगायी फिर पुरोहित से पुराणों में वर्णित सत्यवान- सावित्री की कथा श्रवण किया
जिस तरह सती सावित्री ने अपने पति की प्राण ले जा रहे यमराज से पति- भक्ति के बल पर तीन वचन के साथ ही अपने पति सत्यवान को भी जीवित करवाया था यह वही वट- वृक्ष की पूजा का व्रत उस समय सावित्री ने किया था। कथा श्रवण के बाद सभी व्रतधारी महिलाओं ने मौसमी फल- मिठाई का भोग लगाया फिर पुरोहित जी को दान- पुण्य के बाद अपने अपने घर जा पति की पूजा की बांस तथा ताड़ के पंखा झलने के बाद फलों तथा शरबत से व्रत का पारण किया।