चित्रांशों की आयोजित बैठक में दर्जनाधिक्य वक्ताओं ने विभिन्न मुद्दों पर की वृहत चर्चा

हाजीपुर से संजय विजित्वर की रिपोर्ट

हाजीपुर : अखिल भारतीय चित्रांश परिषद के तत्वावधान में स्थानीय एस डी ओ रोड स्थित पुष्पांजलि भवन में कायस्थों की एक बैठक आयोजित की गई जिसमें कायस्थ समाज से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर वृहत चर्चा हुई। बतलाते चलें कि वर्षों बाद कायस्थ परिवार के सदस्यों की एक वृहत बैठक देखने को मिली जिसमें वैशाली जिला सहित अन्य जिले से भी कायस्थ परिवार के सदस्य पधारे थे । इस बैठक में पधारे सभी चित्रांश अपना-अपना परिचय देते हुए कायस्थों की अद्दतन स्थिति पर चर्चा की और मुक्त कंठ से स्वीकार किया कि आज जरूरत इस बात की है कि हम अपनी एकता का परिचय दें तथा ईमानदारी और सहृदयता से एक-दूसरे के पूरक बने । कुछ वक्ता ने वर्तमान परिस्थिति में कायस्थ समाज के सामने की चुनौती से भी अवगत कराया । वक्ताओं ने यह भी कहा कि आज यह आवश्यक हो गया है कि हम अपना मूल्यांकन करें ,चिंतन और मंथन करें 


केवल चर्चा और अभिव्यक्ति ही नहीं होनी चाहिए, वरन् व्यवहारिक पक्ष में सशक्त और निष्ठावान होने की आवश्यकता है ।कुछ वक्तागण ने इस बात पर बल दिया कि हमारे समाज में कई ऐसे कायस्थ परिवार हैं जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, ऐसे परिवार को सह्दयता से मदद करने की आवश्यकता है । वक्ताओं के भावोद्गार में यह भी स्पष्ट हो सका कि कायस्थ परिवार के युवाओं को कुशल नेतृत्व देते हुए ऊर्जावान और संवेदनशील बनाने की जरूरत है ताकि आनेवाले भविष्य में वे अपने अस्तित्व की महत्ता को समझ सकें। वक्ताओं ने अपने हृदयाउदगार में बतलाया कि हम ऐसे समाज से आते हैं जिसने स्वतंत्र भारत को प्रथम राष्ट्रपति डाॅ० राजेन्द्र प्रसाद के रूप में दिया, ईमानदार प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के रूप में दिया । इनके अतिरिक्त यथा- डाॅ० सच्चिदानंद सिन्हा, जय प्रकाश नारायण, बिन्दा बाबू के अतिरिक्त ऐसे सैकड़ों सशक्त और विज्ञ हस्ताक्षर हैं जिनपर कायस्थ समाज की वर्तमान पीढी को गर्व है और सदियों रहेगा जिनका गौरवगान करने की आवश्यकता है, क्योंकि पुरखों को याद करना तथा उनके द्वारा समाज, देश के लिए दिये गये अवदान को स्मरण रखते हुए व्यक्तित्व पर चर्चा करना हमारे सभ्य संस्कारों में से एक माना जाता है। हम राजनीति के अतिरिक्त समाज के कई क्षेत्र में अपनी अहमियत और प्रतिभा का परिचय दे चुके हैं जिसे सम्पूर्ण भारत जानता और मानता है 

इस क्रम में यह भी विचार सामने आया कि हम संख्यागत जितने भी हों, किन्तु समाज के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में स्थापित रहे हैं। इस अवसर पर अखिल भारतीय चित्रांश परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० संजीव कुमार सिन्हा ने उपस्थित कायस्थों के समक्ष अपने संबोधन में बतलाया कि इस संगठन को विस्तार करते हुए प्रखंड स्तर पर कायस्थ परिवार को जोड़ने की आवश्यकता है। इस कार्यक्रम में जद- यू के पूर्व राष्ट्रीय सचिव संजय वर्मा ने बिहार विधान सभा के प्रथम अध्यक्ष बिन्दा बाबू की प्रतिमा लगाने का विचार रखा जिसपर राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश उपाध्यक्ष विनोद कुमार श्रीवास्तव ने अपने उद्गार में इस विचार पर सहृदयता से सहमति जताई और साथ -साथ स्थानीय पुल घाट स्थित चित्रगुप्त मंदिर के विराट स्वरूप देने हेतु जीर्णोद्धार करने का प्रसताव रखा । इस मंदिर को आकर्षक स्वरूप देने के लिए एक कमिटी गठन करने सहित हर संभव मदद करने की इच्छा जतायी । इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अखिल भारतीय चित्रांश परिषद के प्रदेश अध्यक्ष हिमांशु भूषण सिन्हा ने राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश उपाध्यक्ष विनोद कुमार श्रीवास्तव को अंगवस्त्र तथा माला पहनाकर सम्मानित किया तथा जद यू नेता संजय वर्मा की इच्छा शक्ति पर हर्ष व्यक्त किया तथा उनके पुनीत विचार पर सहमति जताई। कार्यक्रम का संचालन ईश्वर चन्द्र प्रसाद सिन्हा ने किया। इस अवसर पर दर्जनाधिक्य वक्ताओं में अखौरी राघवेन्द्र, गणेश कुमार श्रीवास्तव, अजय कुमार सिन्हा, प्रवीण कुमार, मनोज कुमार सिन्हा,जय कृष्ण प्रसाद,लाल मोहन प्रसाद,संजीव कुमार, रविन्द्र कुमार रतन, बाबुल सिन्हा, राज कुमार दिवाकर, अमरदीप फूलन, हेमलता वर्मा,हिमांशु, प्रतिक यशस्वी, अजय कुमार, संजय, संतोष कुमार अभय, वरीय अधिवक्ता ,प्रभात बाबू सहित कई लोग शामिल थे । इस अवसर पर चित्रांश परिवार के कुछ मीडिया कर्मी भी उपस्थित थे ।

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