रुपौली से बालमुकुन्द यादव की रिपोर्ट
पूर्णिया, भागलपुर और मधेपुरा जिला के बीच सीमा पर अवस्थित रूपौली प्रखंड अंतर्गत विजय लालगंज पंचायत के संत मुक्त स्वरूपदेव मानव सेवा आश्रम मुक्तधाम परिसर में प्रबंधक संत योगेश ज्ञान स्वरूप तपस्वी की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई। जिसमें सेवा आश्रम को विकसित और सुसज्जित करने के लिए विचार विमर्श किया गया। मौके पर अधिवक्ता विनोद आजाद ने कहा कि सीमावर्ती जिले में यह आश्रम ऐतिहासिक स्थल हैं, जो पर्यटन की दृष्टि से काफी अहम हैं। इसे समुचित विकास की जरूरत है।उन्होंने कहा कि जनता में जागरुकता का भी प्रयास किया है लेकिन अभी तक इसमें रचनात्मकता कहीं दिखाई नहीं देती
साहित्यकार संजय कुमार सुमन ने कहा कि संत मुक्त स्वरूप मानव सेवा आश्रम मुक्तधाम काफी वर्षों से उपेक्षित रहा है। ऐतिहासिक स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में सभी लोग मिलकर प्रयास करें। इस जगह पर पर्यटन स्थल बनने की असीम संभावनाएं हैं। हमलोगों को मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाएं जाने की जरूरत है।समाजसेवी मनोज शर्मा ने कहा कि संत मुक्त मानव सेवाश्रम का ऐतिहासिक महत्व है। सरकार को इस पर विशेष ध्यान देकर इस स्थल को संरक्षित करने की जरूरत है।शिक्षक जवाहर चौधरी ने कहा कि यह आश्रम तीन जिलों की सीमावर्ती इलाके का एक महत्वपूर्ण स्थल है। संतों की विरासत को बचाने के लिए सभी को एकजुट होकर यहां विकास के कार्य होना चाहिए
सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत कुमार कन्हैया ने कहा कि बाबा के आश्रम का एक भव्य स्थल के रूप में विकास कर वाकिग प्लाजा, फव्वारे, योगा स्थल, शोभाकारी पौधों के साथ उसे ऐतिहासिक महत्व का दर्शनीय स्थल बनाने की दिशा में काम करने की जरूरत है। तीन जिलों के सीमा पर अवस्थित यहां सुबह-शाम घूमने के लिए लोगों के लिए एक रमणीय स्थल है। इसलिए इस आश्रम का विकास होना अत्यंत जरूरी है।मौके पर अधिवक्ता विनोद आजाद, साहित्यकर संजय कुमार सुमन, समाजसेवी मनोज शर्मा, शिक्षक जवाहर चौधरी, योगेंद्र मंडल कर्मयोगी, उत्तम कुमार, प्रशांत कुमार कन्हैया आदि मौजूद थे।