नन्हें रोजेदार मुल्क और विश्व में उपजी कोरोना से निजात का भी कर रहे हैं दुआ

फलका से आरफीन बहार की रिपोर्ट

कटिहार:माह-ए-रमजान के महीने में बड़ों के साथ-साथ छोटे-छोटे मासूम बच्चे भी रोजा रखने में पीछे नहीं हट रहे हैं। नन्हे़ं रोजेदार भूखे प्यासे रहकर अल्लाह की इबादत कर रहे हैं। बड़ों के साथ मासूम बच्चे भी रोजा रखने के साथ पांचो वक्त की नमाज और कुरान-ए- पाक की तिलावत कर रहे हैं। फलका प्रखंड क्षेत्र के कईयों ऐसे बच्चे हैं जिन्होंने पहली बार रोजा रख नियम का भी पालन कर रहे हैं। इनके अभिभावक कहते हैं कि रहमत और बरकत का महीना माह-ए- रमजान घर के लोगों में इबादत के लिए जुनून पैदा करता है। इसलिए छोटे-छोटे मासूम बच्चे भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं


मुफ्ती रिजवान ने बताया कि 15 साल या उससे ऊपर के बच्चे और बच्चियों पर रोजा फर्ज (जरुरी) है। यदि कम उम्र के बच्चे रोजा रखते हैं, तो उन्हें अल्लाह की नजदीकी जल्द मिलती है। बच्चों के रोजा रखने का सवाब (पुण्य) उनके माता-पिता को भी मिलते हैं। इस उम्र में ही उनमें अल्लाह के प्रति विश्वास उनके भविष्य के लिए बेहतर है। नन्हें रोजेदारों ने कहा कि रोजेदारों के लिए रमजान का महीना काफी अहम होता है। हम इस महीने का  बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। हम लोग रोजा रख अल्लाह पाक की इबादत कर अपने व अपने परिवार के साथ-साथ मुल्क की तरक्की और मुल्क में अमनों अमान की दुआ कर रहे हैं

साथ ही मुल्क और विश्व उपजी कोरोना से निजात का भी दुआ कर रहे हैं। नन्हें रोजेदार में 13 वर्षीय मेहर फातिमा,11 वर्षीय सालिमा रिजवान,9 वर्षीय मोहम्मद,8 वर्षीय सोफिया शमशाद,6 वर्षीय मेबिश बहार, 12 वर्षीय रोजी प्रवीण,9 वर्षीय शबनम खातून,8 वर्षीय आकिब आलम,10 वर्षीय अनस,12 वर्षीय जीशान, आदि शामिल हैं।

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