पूर्णिया से विकास कुमार झा कि रिपोर्ट
पूर्णियां: सालों से सिविल एयरपोर्ट की मांग की जा रही थी। इसको लेकर बात होती थी मगर सही ढंग से हवाई सेवा के मुद्दे को अमलीजामा नहीं पहनाया जा रहा था। एक मजबूत संगठन एम एस यू जब सामने आया और अपने अधिकार को लेकर आवाज बुलंद किया तो सरकार से लेकर सत्ता से चिपके रहनेवाले नुमाइंदे तक को जगा दिया। नतीजतन अब पूर्णियां में एयरपोर्ट बनने के रास्ते में बाधक बना जमीन अधिग्रहण का मामला सुलझता नजर आ रहा है। हवाई सेवा शुरू होने से जिले का चहुंमुखी विकास होगा।
पटना हाइकोर्ट ने एयरपोर्ट के विकास एवं निर्माण के संबंध में किये जाने वाले जमीन अधिग्रहण एवं अन्य मुद्दों को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल, न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने गौरव कुमार सिंह समेत अन्य द्वारा इस मामले को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए बिहार में प्रस्तावित सभी एयरपोर्ट के लिए निर्देश दिया। कोर्ट ने पूर्णिया के डीएम को कहा कि वह पूर्णिया एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण से संबंधित मुकदमों की सुनवाई कर 45 दिनों के अंदर उसका निपटारा कर दें। साथ ही जैसे ही पूर्णियाँ एयरपोर्ट पर न्यायालय की प्रतिक्रिया आई तो स्थानीय अधिकारियों से लेकर नेताओं तक क्रेडिट लेने की होड़ मच गई है।लेकिन वास्तविकता में यदि देखा जाए तो पूर्णियाँ एयरपोर्ट को लेकर सोशल मीडिया से ज़मीनी स्तर तक सरकार जनप्रतिनिधि न्यायालय किसान व आमलोगों में जनजागृति फैलाने का श्रेय मिथिला स्टूडेंट यूनियन के साथ अभियानी रहे स्थानीय युवाओं को जाता है। पिछले दो वर्षों में एयरपोर्ट निर्माण हेतु एमएसयू द्वारा विभिन्न तरह का अभियान चलाया गया।
तीन बार ट्विटर ट्रेंड चलाया गया जिसमें बड़ी संख्या में लाखों लोगों ने हिस्सा लिया। हस्ताक्षर अभियान चलाकर उच्च न्यायालय से संज्ञान लेने के लिए प्रार्थना पत्र सौंपा। इस मसले पर पिछले साल अक्टूबर महीने में हजारों युवाओं ने शहर में प्रतिकार मार्च निकाल कर रोष जताया था। शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन किया। गत महीने रेणु स्मृति उद्यान में एमएसयू के जिलाध्यक्ष अविनाश मिश्र एयरपोर्ट सहित अन्य मुद्दे को लेकर 5 दिन तक भूख हड़ताल पर थे।
इस अनशन का असर इतना दिखा की तीसरे दिन ही पूर्णियाँ संसद संतोष कुशवाहा, अररिया संसद प्रदीप सिंह समेत सीमांचल के दर्जनों विधायक केंद्रीय नगर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिल कर दरभंगा के तर्ज पर पूर्णियाँ एयरपोर्ट से घरेलू उड़ान शुरू कराने का आग्रह किया। अब पूर्णत: भूमि अधिग्रहण का मामला जिला अधिकारी के हाथों में है। हम सभी अपेक्षा करते हैं कि न्यायालय द्वारा निर्धारित समय में जिला प्रशासन जमीन अधिग्रहण का मसला सुलझा लेगी और पूर्णियाँ से उड़ान का रास्ता साफ हो सकेगा।