दिल्ली पुलिस को बिहार में बनाया बंधक, आरोपी के बजाय दूसरे के घर मे घुसी पुलिस

 


पूर्णियाँ/सिटिहलचल न्यूज़

पूर्णियाँ पहुँची दिल्ली पुलिस से आज एक बबंडर मिस्टेक हो गया। दिल्ली पुलिस जिसे पकड़ने आयी थी उसे न पकड़ कर दूसरे को गिरफ्तार कर ले जाने लगी। जिसके बाद पीड़ित द्वारा हल्ला करने पर मुहल्लेवासी जुट गए और सभी पुलिसकर्मी को बंधक बना लिया।


घटना पूर्णियाँ जिले के कसबा थाना क्षेत्र के तीन पनिया गुदड़ी बाजार की हैं। बताया जाता है कि सहरसा जिला निवासी विक्की सिंह उर्फ विक्की ठाकुर के ऊपर दिल्ली पीएस उत्तर थाने में रेप का केस 174/24 दर्ज है। जिसके बाद दिल्ली पुलिस के एसएसआई सुमित यादव के नेतृत्व में  सहरसा स्थिती आरोपी के घर छापेमारी की। मगर आरोपी घर पर नहीं मिला। जिसके बाद दिल्ली पुलिस को पता चला कि विक्की सिंह का ससुराल पूर्णियाँ जिले के कसबा में हैं। जानकारी के बाद दिल्ली पुलिस गुरुवार अहले सुबह कसबा पुलिस से आरोपी की गिरफ्तारी के लिए सहयोग मांगा। जिसके बाद कसबा थाना का एक एसआई और पुलिस को आरोपी के ससुराल पर छापेमारी का निर्देश दिया गया। बताया जाता है जैसे ही कसबा पुलिस ने घर को चिन्हित कर दिल्ली पुलिस को बताया, वैसे ही धरल्ले से दिल्ली पुलिस घर मे घुस गई। जिस वक्त पुलिस छापेमारी करने गई थी, उस वक़्त बिना वर्दी के सभी लोग थे। अचानक घर मे बिना वर्दी के इतने सारे लोग घुसने पर सभी लोग डर गए फिर सभी पुरुष सदस्य को पकड़े जाने लगा। उसके बाद एक शख्स को पकड़ कर पुलिस ले जाने लगी। जिसके बाद घर की महिलाओ ने हल्ला करते हुए किस जुर्म में पकड़ा गया है, यह पुलिस से पूछने लगी। वही हल्ला होते ही मोहल्लेवासी भी घर के बाहर जुट गए और बिना जुर्म, बिना वारंट के कृष्णा चौधरी को पकड़ने का कारण पूछने लगी। वहीं जब वारंट दिखाया गया तो पता चला कि दिल्ली पुलिस गलती से किसी दूसरे के घर मे घुस गई है। वही पुलिस की गलती सामने आते ही मोहल्लेवासी ने दिल्ली पुलिस सहित कसबा के एक एसआई को बंधक बना लिया। वहीं कृष्णा चौधरी के घर वालो ने बताया कि घर मे घुसते ही पुलिस ने उत्पात मचाना शुरू कर दिया था। सुबह का समय था महिला बेड रूम में थी, वहाँ भी बिना महिला सिपाही के पुलिस घुसकर कैदी को ढूंढ रही थी।

वहीं घटना की जानकारी मिलते ही कसबा थानाध्यक्ष अजय कुमार अजनबी मौके पर पहुँच लोगो को समझाया मगर लोग समझने को तैयार नहीं थे। वहीं दिल्ली पुलिस का कहना था कि उन्हें आरोपी के घर की कोई जानकारी नहीं थी, पूर्णियाँ पुलिस द्वारा घर बताने पर ही उस घर मे रेड किया गया। अंततः एक घंटे तक चले हाईवोल्टेज ड्रामा के बाद दिल्ली पुलिस द्वारा लिखित माफीनामा देने के बाद उसे मुक्त किया गया। 

वहीं पूरे मामलें को लेकर पूर्णियाँ एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा ने बताया कि पास में आरोपी का घर होने की वजह से यह गलती हुई। बाद में सच्चाई जानने के बाद मोहल्लेवासीयो के सहयोग से मुख्य आरोपी को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया गया है।

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