कोढ़ा/ शंभु कुमार
एक तरफ जहां देश के यशस्वी प्रधानमंत्री मंत्री के नाम से विद्यालयों में छात्र-छात्राएं को उचित पोषण के साथ पोषण युक्त आहार मध्याह्न भोजन बना बनाया भेजने सहित गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कराने व भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने हेतु प्रधानमंत्री षोषण योजना के तहत निजी प्रबंधन को सौंपी जा चुकी ताकी मध्याह्न भोजन योजना में भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सके साथ ही बच्चों को उचित पोषण के आहार युक्त खाना मिल सके। वही दुसरी तरह कोढ़ा प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय बासगाढा में मध्याह्न भोजन के प्रबंधक के द्वारा शनिवार को शुक्रवार का ही बचा बासी चावल (भात) मिक्स कर उसे शनिवार को खिचड़ी में मिक्स कर भेज दिया गया। विद्यालय के कई बच्चों ने कहा की खिचड़ी से दुर्गंध आ रही थी उनके साथ ही भेजे गए आलू के चोखे भी खाने योग्य नहीं थे जिससे की हम सभी बच्चे सभी खिचड़ी व चोखे फेंकने पर मजबूर हो गए।वही इस बाबत विद्यालय के प्रधान ने बताया की पुर्व में भी इस तरह की शिकायत मिली थी जिसे बच्चे के द्वारा हमें बताया गया था जिसका की सुधार हेतु निजी प्रबंधक को अवगत कराया गया था इसके बाबजूद भी आज इस तरह समस्या आ रही है। गौरतलब है कि जब से निजी प्रबंधक को मध्यान्ह भोजन की जिम्मेदारी सौंपी गई है जब से कहीं छिपकली, कीड़े, महिला की बाल सड़ा गला भोजन विद्यालय में भेजने की बात सामने आ रही है।अगर ऐसा ही चलता रहा तो प्रधानमंत्री के द्वारा चलाई जा रही महत्वकांक्षी योजना रास्ते में ही दम तोड़ती नजर आएंगी ।
वही इस संबंध में कोढ़ा के मध्याह्न भोजन के निजी प्रबंधक से जब जानना चाहा तो उन्होंने साफ व स्पष्ट शब्दों में कहा कि जिस विद्यालय को मेरा खाना अच्छा लगे तो ले जाए अन्यथा अपना व्यवस्था स्वयं सोचें ,बिल कहा से पास कराएगा ।साथ ही बताया की बचा वासी खाना किसी विद्यालय को नहीं भेजा जाता है उसे मछली पालन कर रहे व्यापारी,किसान को दी जाती ।वही विद्यालय के प्रधान शिक्षक व स्कूली बच्चे के साथ ग्रामीणों ने मांग की इस समस्या की जांच वरीय संबंधित पदाधिकारी के द्वारा अभिलंब की जाएं नहीं तो वासी भोजन के खाने से बच्चे किसी भी प्रकार की बिमारी से ग्रस्त हो सकते हैं आखिरकार उसका जिम्मेदार कौन होगा। एवं प्रधानमंत्री के पोषण योजना में भी गुणवत्तापूर्ण तरीके से धरातल पर उतारी जा सकेगी।