रूक रूक कर झमाझम बारिश बना मक्का किसानों के लिए बनी आफत, सूखे मक्का भारी तादाद में हुए बर्बाद

  



कोढ़ा/ शंभु कुमार 



कोढा प्रखंड के  गेराबारी इलाके के मक्का की खेती कर रहे किसानों को रविवार से ही रूक रूक कर झमाझम आ रही वारीस ने अपनी चपेट में लेकर बड़ी तादाद में पुर्व से किसानों के द्वारा सुखाये  मक्के को भींगा कर भारीभरकम नुकसान पहुंचाया। साथ ही कई किसानों के  खेत में लगी फसल को भी भारी बड़ी तादाद में नुकसान पहुंचा। आपको बताते चलें कि कोढा प्रखंड में किसानों के द्वारा व्यापक पैमाने पर मक्का की खेती की जाती है।


मक्का की खेती की आय से ही किसानों की बच्चों की पढ़ाई लिखाई परिवारों के सदस्य की दवाई व अन्य समारोह शादी श्राद्ध इत्यादि इसी आय पर निर्धारित होती है  कई किसानों ने बताया कि मक्के की खेती में बहुत परेशानी झेलते हुए पहले चरण में खेत की जुताई कर अच्छे बीज का चयन कर पौधे को तैयार कर 4 से 5 पटवन करते हुए दो से तीन बार इस महंगाई में रासायनिक खाद के साथ अन्य उर्वरक भी पौधे को छोटे से बड़ा करने हेतु बड़ी मेहनत से ससमय दिया था। उसके उपरांत महंगे मजदूर के द्वारा भुट्टे के बाली को छीलकर थरेंसिंग कर धूप में सुखाने हेतु सुविधाजनक स्थान पर लाया लेकिन अंतिम समय नहीं इस बारिश ने सभी उम्मीदों पर पानी फेर दिया जो कि हम लोगों को के लिए एक बड़ी समस्या बन गई है।  सड़क पर कई एकड़ के लगे मक्के के सुखे भुट्टे  का नुकसान  आंधी के साथ तेज बारिश के कारण हो गई। यह  विनाशकारी वारिस  ने मेरे मक्के की फसल को अपनी चपेट में लेकर हम सभी किसान के ऊपर अपना कहर बरपा चले गए।

वही हम लोगों को बहुत उम्मीद थी कि इस बार मक्के की फसल में काफी आर्थिक लाभ मिलता जिससे कि बच्चों की पढ़ाई बेटी की शादियां इत्यादि के रूप में इसकी आय से हमारी उम्मीद पूरी होती लेकिन इस आंधी तूफान ने हमारी सभी उम्मीदों पर मानो तो पानी सा फिर गया। साथ ही हम लोग कर्ज लेकर मक्के की खेती कर रहे थे वही महाजन के द्वारा इसकी भरपाई होना भी मुश्किल सा दिख रहा है । सबसे बड़ी चिंता इस बात की खाई जा रही है कि अंतिम समय में ही हम लोग के ऊपर बारिश ने ऐसी मार दे कर चली गई की आजीवन इसे भुलाए ना भूल पाएंगे सारे सपने हम सभी किसानों का अधर में लटकता नजर आ रहा है।

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