किशनगंज/इमरान हाशमी
किशनगंज बिहार: किशनगंज जिले के दिघलबैंक प्रखंड अंतर्गत दहीभात पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि की दबंगई का मामला झूठा है। उक्त बातों की मुखिया प्रतिनिधि सद्दाम हुसैन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पंचायत रोजगार सेवक का आरोप है कि मुखिया प्रतिनिधि अपने सहयोगियों के साथ मिलकर पंचायत रोजगार सेवक सीमांत मोहन से दबंगई कर मनरेगा योजना से जुड़ी फाइल जबरन उठा ले गया था यही नहीं बल्कि चार लाख का चेक भी जबरन हस्ताक्षर कर ले गया था। रोजगार सेवक ने फोन पर बताया कि प्रखंड कार्यालय से लौटने के दौरान 1 दिसंबर को उसके साथ मारपीट की गई थी मेरे हस्ताक्षर के बगैर लगभग सवा करोड़ रुपए की योजना का पैसा निकासी कर लिया गया है
और मुझ पर उक्त दस्तावेज पर हस्ताक्षर का दवाब दे रहा है। इसी संदर्भ में मुखिया प्रतिनिधि सद्दाम हुसैन ने अपने पक्ष रखते हुए कहा कि मेरे ऊपर जो एफ आई आर दर्ज किया है वह बेबुनियाद है और झूठा है सरकारी कागजात और फाइल कार्यालय में होना चाहिए लेकिन ट्रांसफर के बाद मनमानी की जा रही थी इसलिए शिकायत हमने उच्च पदाधिकारी से भी किया था विभाग द्वारा उनसे 48 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण भी मांग चुका है। रोजगार सेवक सीमांत मोहन 4 महीने पहले ही ट्रांसफर हो चुके हैं फिर भी वह मनरेगा से संबंधित सरकारी दस्तावेज कार्यालय में ना रख कर अपने घर पर रखे हुए थे
मुखिया प्रतिनिधि सद्दाम हुसैन ने बताया कि दही बात पंचायत के दर्जनों लाभार्थियों के पास से उगाई कर पंचायत से फरार चल रहे लगभग आधा दर्जन महिलाओं से गौशाला के नाम पर 25 - 25 हजार की वसूली कर अब तक किसी को सरकारी लाभ नहीं दे पाए हैं। मुखिया प्रतिनिधि सद्दाम हुसैन ने आरोप लगाते हुए कहा कि 12000 रूपए के वेतन पाने वाले सरकारी कर्मी इतना संपत्ति कहां से अर्जित किए हैं इसके लिए विभाग को जांच करनी चाहिए ।