पूर्णिया/डिम्पल सिंह
बनमनखी: परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ पूर्णिया जिलाध्यक्ष अरुण आरुणि ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि 19 वर्षों से कार्यरत नियोजित शिक्षकों को स्नातक ग्रेड में प्रोन्नति नहीं दिए जाने से क्षुब्ध होकर संघ ने फिर से एक बार पटना हाईकोर्ट में अवमाननावाद दर्ज कराया है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर ब्रजवासी ने कहा है कि बेसिक ग्रेड में कार्यरत शिक्षकों को स्नातक ग्रेड में प्रोन्नति देने की मांग को लेकर संघ ने वर्ष 2014 में समादेश याचिका संख्या-9494 दर्ज कराया था जिसकी सुनवाई के क्रम में 26 अगस्त 2016 को निदेशक प्राथमिक शिक्षा ने शपथ पत्र दायर कर यह आश्वस्त किया था कि 6 माह के अंदर उन्नति की कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी किंतु अदालत में हलफनामा के माध्यम से दिए आश्वासन के बावजूद विभाग द्वारा प्रोन्नति की कार्रवाई नहीं की गई, जिसके बाद संघ की ओर से आदेश के अनुपालन हेतु उच्च न्यायालय में अवमाननावाद संख्या-1742/2017 दर्ज कराया गया था
अवमाननावाद की सुनवाई के क्रम में उच्च न्यायालय ने 13 सितंबर 2019 को तत्कालीन प्राथमिक शिक्षा निदेशक रंजीत कुमार सिंह को सदेह हाजिर होने का आदेश दिया था जिसके बाद निदेशक ने उपस्थित होकर प्रोन्नति की कार्रवाई हेतु फिर से 4 महीने का समय मांगा लिया था। कोर्ट ने निदेशक को 4 माह के बदले साढ़े 5 माह का समय देते हुए सख्त आदेश दिया था कि फरवरी 2020 तक हर हाल में शिक्षकों को प्रोन्नति दे दी जाए किंतु हाईकोर्ट द्वारा अवमाननावाद में पारित आदेश की भी अवमानना कर दी गई और अब तक प्रोन्नति की कार्रवाई पूरी नहीं हो सकी है
इसलिए एकबार फिर उच्च न्यायालय में हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना के खिलाफ अवमाननावाद दायर किया है। संघ द्वारा अवमाननावाद दायर किए जाने पर के प्रदेश उपाध्यक्ष अजय मिश्रा, पूनम कुमारी, निरंजन कुमार मोदी, प्रदेश कोषाध्यक्ष केदार राय सहित संघ के सभी जिलाध्यक्ष एवं अन्य शिक्षकों ने स्वागत किया है।