फलका से आरफीन बहार की रिपोर्ट
कटिहार:रमजान के दूसरे जुमे की नमाज प्रखंड के सभी मस्जिदों में अकीदत के साथ अदा की गई। रमजान के दूसरे जुमे की नमाज को लेकर मस्जिदें नमाजियों से खचाखच भरा था। रमजान के दूसरे जुमे को लेकर मुस्लिम समुदाय में काफी उत्साह देखा गया। नमाज अदा करने के बाद रोजेदारों ने अमन चैन की दुआएं मांगी। मस्जिदे जकरिय्या के इमाम हाफिज नौशाद ने नमाज से पहले अपनी तकरीर में कहा कि रमजान में जो इंसान ईमान और सवाब के तलब के लिए रोजा रखता है
उसके सारे अगले-पिछले गुनाह माफ कर दिए जाते हैं। हदीस मे है कि इंसान का हर आमाल उसके लिए होता है। लेकिन, रोजा सिर्फ अल्लाह के लिए है। आगे उन्होंने अपनी तकरीर में जकात सदक-ए- फितर पर रोशनी डालते कहा की जकात दीन- ए- इस्लाम का एक अहम रुक्न है। अल्लाह पाक ने मालदारों पर जकात फर्ज किया है। जकात का इनकार करने वाला इस्लाम में गुनहगार ठहराया जाता है। जकात अदा न करने वाला बहुत बड़ा सजा का हकदार होगा। हदीस के हवाले से उन्होंने आगे अपनी तकरीर में कहा कि सोना और चांदी रखने वाला अगर जकात न निकाले तो कयामत के दिन सजा के लिए सोना व चांदी की तख्तियां बनाई जाएगी
फिर, उनको दोजख की आग में तपा कर पसलियों, पेशानी तथा पुश्त पर रखी जाएगी। आगे उन्होंने कहा कि जकात पर गरीब व मिसकीनों का हक है। जिसके पास साढ़े 52 तोला चांदी या साढ़े सात तोला सोना या इतनी ही मिल्कियत का मालिक हो तो उनको जकात निकालना जरूरी है। माल की मिकदार का 40 वां हिस्सा यानी ढाई प्रतिशत राशि गरीबों, मिस्कीनों, यतीमों में तक्सीम(बांट) दिया करें। क्योंकि इस माल पर गरीब, मिस्कीन, यतीम का ही हक होता है।