किसी भी धर्म मे शामिल होना लोगो का मौलिक अधिकार: प्रो. आलोक

पूर्णिया से बालमुकुन्द यादव की रिपोर्ट
पूर्णियां : बहुजन क्रांति मोर्चा के प्रमंडलीय प्रभारी प्रोफेसर आलोक कुमार ने बयान जारी कर, भाजपा सांसद सुभाष बहेरिया द्वारा लोकसभा में अनुसूचित जनजाति वर्ग के धर्मांतरित ईसाई एवं मुस्लिम समुदाय के लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं दिए जाने की मांग का कड़े शब्दों में निंदा किया है। प्रोफेसर आलोक ने कहा कि भारतीय संविधान में स्वेच्छा से किसी भी धर्म में शामिल होना व्यक्ति का संवैधानिक मौलिक अधिकार है। संविधान निर्माता डॉक्टर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी भी हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म में शामिल होकर आजीवन समता , स्वतंत्रता एवं भाईचारा के लिए संघर्षरत रहे। ऊंच-नीच एवं और समानता पर आधारित किसी भी व्यवस्था या धर्म को छोड़कर मानवतावादी व्यवस्था को अपनाना भारतीय संविधान में मौलिक अधिकार है

सर्वोच्च न्यायालय भी कई बार इस महत्वपूर्ण बिंदु पर अपना निर्णय सुना चुका है। बावजूद इसके बार-बार भाजपा एवं आर० एस० एस० संगठन के लोगों द्वारा एससी एसटी ओबीसी वर्गों पर धर्म परिवर्तन के नाम पर संसद एवं विधान मंडलों में इस तरह की मांग कर मुख्य मुद्दे से इन वर्गों के शिक्षा, रोजगार, आवास एवं भुखमरी जैसी समस्याओं पर लोगों का ध्यान भटका कर धर्म एवं जाति के नाम पर बांटने की राजनीति चलाई जा रही है। ईसाई मिशीनरी की बदौलत ही भारतीय आदिवासी समाज जंगलों से निकलकर शिक्षा एवं स्वास्थ्य लाभ ग्रहण कर देश में सम्मान की जिंदगी जी रहे हैं

भारत के सभी वर्गों के संपन्न लोगों के अधिकांश बच्चे मिशनरी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं इन विद्यालयों में भाजपा सहित तमाम दलों के बड़े नेताओं के बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं । एससी- एसटी, ओबीसी एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ग्रहण करने से रोकने का प्रयास मशीनरी स्कूलों पर हमला कर किया जा रहा है जो निंदनीय है।

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