मोकामा/सिटी हलचल न्यूज
मोकामा के दुलारचंद यादव हत्याकांड में बड़ी कार्रवाई करते हुए पटना पुलिस ने पूर्व विधायक और जदयू उम्मीदवार अनंत सिंह को बाढ़ के कारगिल मार्केट से गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले उनके सरेंडर की संभावना जताई जा रही थी और इसी सूचना पर एसएसपी कार्तिकेय शर्मा की टीम उनके घर पहुंची थी। गिरफ्तारी के बाद पुलिस अपने साथ उन्हें पटना लेकर चली गई और रात में ही जेल में शिफ्ट कर दिया जाएगा फिर सुबह रविवार को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा। बता दे कि पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा के नेतृत्व में करीब 150 पुलिसकर्मी जब उन्हें गिरफ्तार करने पहुँची तो वे पहले से ही तैयार बैठे थे। पुलिस के पहुँचते ही वे उनके साथ सफेद स्कॉर्पियो पर बैठकर चलते बने। इस दौरान किसी समर्थक ने किसी प्रकार का कोई हल्ला हंगामा नहीं किया
इस हत्याकांड के बाद मृतक दुलारचंद यादव के पोते ने अनंत सिंह समेत 4 के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करवायी थी। उसके बाद में जनसुराज के प्रत्याशी पियूष प्रियदर्शी ने 6 लोगों के विरुद्ध एफआईआर करवायी थी। वहीं, पुलिस ने अपनी जांच के आधार पर अलग से एक प्राथमिकी दर्ज की थी।बता दे कि दुलारचंद यादव के हत्या के बाद मोकामा का माहौल गर्म था और कभी भी कोई अप्रिय घटना घट सकती थी। जिसके बाद पटना पुलिस ने रात में अनंत सिंह को गिरफ्तार करने का समय रखा, ताकि रात्रि के वक़्त उनका ज्यादा समर्थक न हो। हालांकि अनंत सिंह खुद ही राजनीतिक दबाब में सरेंडर का मन बना चुके थे। जिसके बाद पुलिस को भेजा गया था। वही घटनाक्रम के बाद प्रशासन ने राजद प्रत्याशी वीणा देवी, अनंत सिंह और जनसुराज के प्रत्याशी प्रियदर्शी पियूष को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान कर दी गई थी। बताया जा रहा है कि अनंत सिंह की गिरफ्तारी चुनाव आयोग के दबाब में हुई हैं। इस घटना में अनंत सिंह के साथ साथ 21 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आयोग के निर्देश पर प्रशासन ने भदौर और घोसवरी थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया है। वहीं तनाव की स्थिति को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है। अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोका जा सके
एसपी समेत 4 अधिकारियों का तबादला, 1 निलंबित
दुलारचंद हत्याकांड मामले में निर्वाचन आयोग ने सख्त रुख अपनाते हुए बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की है। मिली जानकारी के अनुसार, आयोग ने पुलिस अधीक्षक (एसपी) सहित चार अधिकारियों का तत्काल प्रभाव से तबादला कर दिया है। वहीं, एक अधिकारी को निलंबित (सस्पेंड) कर दिया गया है। यह कार्रवाई निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान हुई लापरवाही और संवेदनशील मामले में अपेक्षित सतर्कता न बरतने के आरोपों के आधार पर की गई है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि कानून-व्यवस्था में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दुलारचंद हत्याकांड ने जिले में सनसनी फैला दी थी, जिसके बाद से ही चुनावी माहौल में तनाव की स्थिति बनी हुई थी। निर्वाचन आयोग ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए यह निर्णय लिया। बता दे कि इस हत्याकांड के बाद विपक्ष लगातार सरकार पर हमला कर रहा था।



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