पूर्णियाँ /बालमुकुन्द यादव
बिहार सरकार किसानों की सिंचाई संबंधी समस्याओं के समाधान और कृषि उत्पादन क्षमता में बढोत्तरी के लिए किसानों को मुफ्त कृषि बिजली कनेक्शन दे रही हैं। वहीं पूर्णिया में इसके नाम पर धड़ल्ले से वसूली हो रही है। रुपौली प्रखंड में किसानों से 2 हजार से 25 सौ तक की वसूली मुफ्त बिजली कनेक्शन के नाम पर हो रही हैं। रुपौली के बाँकी का एक किसान बालमुकुन्द यादव ने बताया कि योजना के बारे में उसने सुनकर ऑनलाइन बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन दिया था। जिसके बाद धमदाहा के एक ठेकेदार मंटू सिंह के मुंशी ने फोन करके 500 से 1000 हजार रुपया खर्च बताया। मुंशी रंजन कुमार शर्मा द्वारा बताया गया कि बिना खर्च के मीटर नहीं लगेगा। वहीं अन्य ग्रामीणों ने बताया कि किसानों को बिजली का कनेक्शन देने के लिए मोंटी कार्लो नामक एजेंसी को टेंडर मिला। जिसने अनुमंडल स्तर पर स्थानिय लोगो को ठेकेदारी दे दिया है। गाँव में ठेकेदार में मुंशी द्वारा किसानों से 2 हजार से 25 सौ लिया जा रहा है। मुंशी द्वारा कहा जा रहा है कि आईटी मैनेजर दीपक से लेकर जेई तक पास कराने से लेकर मीटर लगाने की जिम्मेदार उनकी होगी। जो खुद ऑनलाइन आवेदन करता हैं, उसे कार्यालय बुलाकर पैसे मांगा जाता हैं
वही किसान द्वारा ठेकेदार मंटू सिंह से की गई बातचीत का ऑडियो भी वायरल हो रहा हैं, जिसमें स्पष्ट तौर पर कितना पैसा लगेगा, इसको लेकर जेई से पूछकर बताने की बात कहता सुना जा सकता है। साथ ही 500 सौ से 600 सौ खर्च की बात भी ठेकेदार मंटू सिंह कहते हुए नजर आ रहा है। वहीं इस बाबत बिजली विभाग के जूनियर इंजीनियर से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि किसानों को मीटर लगाने के लिए एक भी शुक्ल नहीं लगता है। उन्होंने कहा कि अगर कोई दलाल बिजली कनेक्शन के लिए पैसे की माँग करता है तो इसकी सूचना विभाग को दे। किसानों के साथ धोखाधड़ी करने वालों पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा
बता दे कि राज्य में सिंचाई के लिए बिजली पहुंचाने के उद्देश्य से ऊर्जा विभाग ने कई बड़े कदम उठाए हैं। जिसमें चतुर्थ कृषि रोडमैप के तहत सितंबर 2026 तक राज्य के कुल 8 लाख 40 हजार किसानों को कृषि बिजली कनेक्शन देने का लक्ष्य है, जिसमें से अब तक 5 लाख 42 हजार कनेक्शन दिए जा चुके हैं। कनेक्शन लेने वाले किसानों को 84 रुपए पर एसपी के हिसाब से हर महीने फिक्स्ड चार्ज देना होता है और दूसरे प्रकार के कनेक्शन में कोई फिक्स्ड चार्ज नही देना होता क्युकी गवर्नमेंट सब्सिडी के तहत वो माफ हो जाती है और बिजली का चार्ज 70 पैसे पर यूनिट देना होता है। यानी एक तरह से काफी कम कीमत पर किसानों को बिजली मिलेगी।