बैसा /सिटी हलचल न्यूज
पूर्णियां : पर्यावरण की रक्षा और आम लोगों के स्वास्थ्य के मद्देनजर सरकार ने एक जुलाई 2022 से सिंगल यूज या एक बार उपयोग होने वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा रखा है। प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम के तहत कुल 19 वस्तुओं पर बैन लगा था। किंतु बैसा प्रखंड मुख्यालय सहित रौटा बाजार एवं प्रखंड क्षेत्रों में प्लास्टिक का व्यापार व उपयोग धड़ल्ले से जारी है। इसके बावजूद जिम्मेदार मौन है। बैन वस्तुओं में थर्माकोल से बनी प्लेट, कप , गिलास, सिगरेट पैकेट की फिल्म, प्लास्टिक के झंडे, कटलरी जैसे कांटे, चम्मच, चाकु , पुआल, ट्रे, मिठाई के बक्सों पर लपेटी जाने वाली फिल्म, निमंत्रण कार्ड, गुब्बारे की छड़ी, आइसक्रीम स्टीक, क्रीम, कैंडी स्टीक और 100 माइक्रोन से कम के बैनर, पॉलिथीन आदि शामिल है। परंतु प्रखंड क्षेत्र के रौटा बाजार सहित पुरे क्षेत्र में अवस्थित दुकानों एवं गोदामों से इसकी बिक्री व उपयोग बेरोक - टोक जारी है
खानापूर्ति व दिखावे के लिए कभी - कभार जांच व छापेमारी अभियान चला कर कोरम पूरा कर लिया जाता है। जबकि आपुर्तिकर्ता का बाल भी बांका नहीं होता है। यदि ईमानदारी पूर्वक इस पर रोक लगाने की पहल करनी है तो सप्लाई चैन के सहारे किंगपिन पर चोट करने की आवश्यकता है। इसे लेकर पूर्व में बैसा प्रखंड में भी सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन करने के लिए जोरशोर से अभियान चलाया गया था। हालांकि अभियान कुछ महीने तक चला ,तो दुकानदारों में थोड़ा खौफ दिखा भी था। दुकानदारों में डर था कि प्लास्टिक का उपयोग करने पर पकड़े जाने पर जुर्माना देना पड़ेगा । परन्तु धीरे-धीरे यह खौफ समाप्त होता चला गया। अब प्रखंड मुख्यालय सहित रौटा बाजार के साथ ही सभी प्रखंडो में धड़ल्ले से प्लास्टिक का इस्तेमाल हो रहा है। बैन लागू कराने वाली एजेंसियां भी निष्क्रिय हो गई हैं। प्रखंड मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में प्लास्टिक का इस्तेमाल पहले की तरह धड़ल्ले से हो रहा है। यहां तक 80 प्रतिशत से अधिक दुकानदार व आम नागरिक पहले की तरह ही प्लास्टिक इस्तेमाल कर रहे हैं
रौटा बाजार सहित ग्रामीण क्षेत्रों में खुली दुकानों, टी-स्टालों एवं ठेले-रेहड़ियों पर इनको बेरोक टोक प्रयोग हो रहा है। इसके बावजूद संबंधित विभाग के अधिकारियों का इसपर कोई नियंत्रण नहीं है। बेखौफ दुकानदार प्लास्टिक की बिक्री कर रहे और आम लोग खुलेआम इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। छापामारी के नाम पर संबंधित विभाग के अधिकारियों की ओर से महज खानापूर्ति की जाती है। महज एक-दो दिन अभियान चलाने के बाद प्रशासन भी सुस्त पड़ जा रही है। वहीं फ़ूड और सेफ्टी विभाग के अधिकारी भी इस पर नियंत्रण रखने को प्रति गंभीर नहीं है । जिसके कारण प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक नहीं लग पा रही है। वहीं इस संबंध में बी डी ओ राज कुमार चौधरी ने बताया कि नियम के विरुद्ध प्लास्टिक इस्तेमाल करने वाले दुकानदारों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी ।