शंकुतला सेवा संघ के कलाकारों द्वारा नाट्यकला कार्यशाला का आयोजन

पूर्णिया/विष्णुकांत

धमदाहा प्रखंड के मिल्की रंगपुरा में शकुंतला सेवा संघ के तत्वाधान में 26 अप्रैल से 20 दिवसीय नाट्य कार्यशाला प्रारंभ हुआ. संस्था के सचिव श्री अवधेश कुमार गुप्ता द्वारा बताया गया कि यह कार्यशाला 15 मई तक चला. श्री गुप्ता द्वारा बताया गया कि संस्थान हर वर्ष नाट्य कार्यशाला का आयोजन करती है, जिसमें प्रतियोगिता नाटक के गुड़ सिखाए जाते हैं. इस वर्ष भी दो नए नाटक "गोपी बाघा" एवं "सिपाही की मां" का मंचन 16 एवं 17 मई तो काली अस्थान हरिन कॉल किया जाएगा


वहीं पटना से आए हुए वरिष्ठ प्रशिक्षक आजाद हुसैन द्वारा बताया गया कि कार्यशाला में सफदर हाशमी द्वारा लिखित नाटक गोपी वरना की प्रस्तुति 16 मई को की गई. नाटक गोपी वरना एक हास्य नाटक है, जो कि गोपी गवैया होता है. गाने का शौकीन होता है, पर बेवकूफ है, और बाघा बजैया होता है. गोपी के इस बेवकूफी से लोग परेशान हैं रहते हैं. वह इसे राजा के पास भेज देते हैं. राजा उसे जंगल में भेज देता है, जहां उसकी मुलाकात भूत से होती है. उन्हें तीन वरदान मिलता है. गोपी बाघा उस वरदान का उपयोग करता है. अंत में उसकी शादी राजकुमारी के साथ होती है

उन्होंने बताया 17 मई को मोहन राकेश द्वारा लिखित नाटक सिपाही की मां की प्रस्तुति की जाएगी. सिपाही की मां एक मार्मिक नाटक है. मां के साथ में एक बेटी होती है, जो भाई के आने का इंतजार करती है. मां पलके बिछाए बैठी है, बेटा फौज से वापस घर आएगा, अपने बहन के हाथ पीले करेगा, लेकिन सारी आशाओं पर पानी फिर जाता है. बेटा का शव ही वापस घर आता है. उन्होंने बताया कि नाट्य कार्यशाला में रामाशंकर स्वर्णकार, श्रवण कुमार, धनंजय, राकेश, निर्मल, निलेश, हेमंत, नरेंद्र, प्रवीण, मंजू, वर्षा कुमारी, मनीषा कुमारी आदि कलाकार ने भाग लिया.

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