पूर्णिया/शशिकांत
देश में फैले इस महामारी से पनपे दर्द को हरने के लिए देवदूत बन कर उभरे हमारे स्वास्थ्यकर्मी यथा डॉक्टर, लैब टेक्नीशियन, एएनएम, पीएमडबल्यू जिसे हमलोग "कोरोना योद्धा" के नाम से भी जानते हैं।कोरोना काल में उत्कृष्ट कार्य हेतु इन लोगों को पुरस्कृत भी किया गया किंतु वर्तमान में बिहार सरकार के फरमान से ये लोग परिवार - बच्चों सहित सड़क पर आ गए हैं।
कोरोना योद्धा संघ,पूर्णिया द्वारा थाना चौक,पूर्णिया में आयोजित अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन की अगुआई कर रहे और पेशे से लैब टेक्नीशियन हितेश गांधी तथा राजीव कुमार बताया कि सभी स्वाथ्यकर्मी की बहाली कोरोना काल में 3 महीने के लिए हुई थी लेकिन समय - समय पर इनका सेवा विस्तार होता रहा जिसके फलस्वरूप पूर्व से जो आजीविका का श्रोत था वो बंद हो गया और सरकारी सेवा पर जीवन - यापन निर्भर हो गया। लेकिन वर्तमान में राज्य स्वास्थ्य समिति,बिहार के द्वारा घोषित सेवा विस्तार की अवधि अभी खत्म भी नही हुई और इन्हें बाहर निकालने का मौखिक फरमान बिहार सरकार के निर्देश पर अधिकारियों द्वारा जारी कर दिया गया। इस शाही फरमान से कोरोना योद्धा परिवार सहित भुखमरी के कगार पर हैं।
अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन में हितेश गांधी ने कहा कि बिहार सरकार ने हमारे और हमारे परिवार के पेट पर लात मारा है कोविड महामारी में देश सेवा करने का ऐसा क्रूर इनाम मिला है। सरकार द्वारा पीड़ित हम सभी कोरोना योद्धा की एक ही मांग है की हमारी सेवा को स्थाई किया जाय। इस से कम कुछ भी हमे मंजूर नहीं है।