पूर्णियां से बालमुकुंद यादव की रिपोर्ट
पूर्णिया: भारत के एड्स नियंत्रण संविदा कर्मचारी अपने मूल कार्यों के आलावा वैश्विक महामारी कोरोना में भी युद्ध स्तर पर दिन रात लगातार कोरोना रोगियों ,एड्स रोगियों के बीच जाकर ये स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते रहे और संक्रमण सेवा काल में न जाने कितने एड्स कर्मी कोरोना संक्रमित होकर अपनी जान गंवा चुके हैं फिर भी एड्स कर्मी अपनी बहुमूल्य सेवा लगातार देते आ रहे हैं ।बिहार राज्य एड्स नियंत्रण कर्मचारी संघ के जिला संयोजक संतन कुमार कर्ण ने कहा कि लेकिन सरकार इन्हें इनके मूल सुविधा वेतन विसंगति वर्ष 2013से अभी तक लंबित रख कर इनके कार्य करने के मनोबल को कमजोर कर रही है
उन्होने कहा कि भारत के हर राज्य में एड्स कर्मी ने भारत सरकार ,राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण ऑर्गेनाइजेशन नई दिल्ली को बार बार आवेदन दिया ,संघ की अनेकों बार वार्ता हुई और वर्ष 2013से अभी तक नाको ने सिर्फ आश्वासन ही दिया और वेतन विसंगति को लंबित रखा जबकि एड्स विभाग के डॉक्टर का वेतन पुनरीक्षण 2017 में ही कर दिया गया है और अन्य सभी एड्स कर्मी का लंबित रखा गया है
परिणाम स्वरूप 2अगस्त 2021से पूरे भारत के 26000 एड्स कर्मी सभी राज्य में काला पट्टी लगाकर अपने मूल कार्यों का निर्वहन करते हुए ,ज्ञापन पत्र वरीय जिला अधिकारी को देकर असहयोग आंदोलन को लगातार 18 दिनो से जारी रखे है।लेकिन आज तक सरकार नाको द्वारा कोई ठोस कार्रवाई वेतन विसंगति को लेकर नही की गई है। जिससे सभी एड्स कर्मी 1सितंबर 2021से दिल्ली स्वास्थ्य मंत्रालय,प्रधानमंत्री कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन करने का कार्यक्रम प्रस्तावित है,जब तक नाको के द्वारा लिखित बयान पत्र नहीं जारी किया जाएगा, आंदोलन के स्वरूप पूरे भारत में एड्स विभाग के ऑनलाइन रिपोर्ट सेवा बाधित रहेगी ,जिस से वर्तमान में एड्स विभाग के सभी कार्य में समस्या बढ़ती जा रही है ।